- मध्य प्रदेश अजाक्स के अध्यक्ष और आईएएस संतोष वर्मा ने आरक्षण पर विवादित बयान देने के बाद माफी मांगी है.
- उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था और वे क्षमा चाहते हैं.
- अजाक्स की 23 नवंबर को भोपाल में हुई बैठक में संतोष वर्मा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था.
IAS Santosh Verma News: "जब तक एक ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर देता या मेरे बेटे के साथ संबंध स्थापित नहीं कर लेता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए." आरक्षण पर दिए इस विवादित बयान के कारण चर्चा में आए मध्य प्रदेश अजाक्स (AJJAKS - अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ)के प्रदेश अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने अब माफी मांग ली है. मंगलवार को इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए IAS संतोष वर्मा ने कहा, "मेरा कोई इरादा राजनीतिक हंगामा खड़ा करने का नहीं था. मेरे 27 मिनट के भाषण से जानबूझकर 9 सेकंड का वीडियो वायरल किया गया."
संतोष वर्मा ने बताया- क्या हुआ था उस दिन
IAS संतोष वर्मा ने कहा, "असल में यह मध्य प्रदेश अजाक्स की हमारी राज्य कार्यकारिणी की बैठक थी. बैठक के दौरान, अजाक्स के हमारे पिछले अध्यक्ष, जो पिछले 21 वर्षों से पद पर थे ने अपना इस्तीफा दे दिया और मुझे सर्वसम्मति से अजाक्स का नया अध्यक्ष चुना गया. इसके बाद, हम इस बात पर अपने विचार साझा कर रहे थे कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए या सामाजिक आधार पर."
मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाना नहीं, मैं माफी मांगता हूंः संतोष वर्मा
संतोष वर्मा ने आगे कहा कि उनके मन में किसी भी समुदाय के प्रति कोई बुरी भावना नहीं थी, और न ही उनका इरादा किसी समुदाय की बेटी को ठेस पहुंचाने का था. उन्होंने यह भी कहा, "अगर मेरे शब्दों से किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं. कुछ लोगों ने मेरे कहे का केवल एक हिस्सा प्रचारित किया. जिन लोगों ने इस विवाद को हवा दी है, उन्होंने मेरे भाषण में से केवल एक पंक्ति ली है." उन्होंने कहा कि.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश अजाक्स की यह बैठक 23 नवंबर को भोपाल के अंबेडकर पार्क में आयोजित की गई थी. इस बैठक के दौरान, आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को अजाक्स का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जो वर्तमान में राज्य के कृषि विभाग में उप सचिव हैं.
क्रीमिलियर पर बोले संतोष वर्मा
संतोष वर्मा आगे कहा कि कुछ लोगों का मानना था कि अगर कोई IAS अधिकारी बन गया है, तो उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य को आरक्षण के लिए पात्र नहीं होना चाहिए. इस पर मैंने कहा कि अगर मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हूं और मेरा सामाजिक पिछड़ापन खत्म हो गया है, तब भी मेरे बच्चों और हमारे समुदाय को समाज से 'रोटी-बेटी' का व्यवहार मिलना चाहिए. लेकिन मेरे संबोधन का केवल एक खास हिस्सा ही प्रचारित किया गया."
संतोष वर्मा के पुराने केस भी आए सामने
दूसरी ओर इस बयान के बाद विवादों में घिरे आईएएस संतोष वर्मा से जुड़े पुराने कई विवाद भी फिर से चर्चा में आ गए. 2016 में एक महिला ने इंदौर के लसूड़िया थाने में संतोष वर्मा पर शादी के नाम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस केस में संतोष वर्मा पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने खुद के शादीशुदा होने की बात छिपाकर एक महिला से नजदीकी बढ़ाई. कुछ दिनों तक लिव इन में भी रहे. बाद में पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की थी.
साथ ही 2021 में जब संतोष वर्मा आईएएस पद पर प्रमोट हुए तब उनपर जाली दस्तावेज बनाने का भी आरोप लगा था. इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.













