दिल्ली धमाके की जांच अब चार कारों पर जाकर टिक गई है. i20, EcoSport, Swift Dzire और Brezza. एजेंसियों का मानना है कि यही चार गाड़ियां इस पूरे नेटवर्क की रीढ़ हैं. एक गाड़ी में विस्फोट हुआ, कौन-सी गाड़ी से विस्फोटक पहुंचाया गया, कौन चला रहा था और कौन छिपा रहा था. यही हर सवाल अब इन गाड़ियों की जांच से जुड़ गया है.
1. i20: जिसमें धमाका हुआ
जांच की शुरुआत इसी गाड़ी से हुई. सोमवार शाम लाल किले के पास i20 में हुआ धमाका अब इस पूरी कहानी की जड़ बन चुका है. यही वो कार थी जिसमें बारूद रखा था. धमाका इतना जोरदार था कि आसपास 200 मीटर तक असर दिखा. फॉरेंसिक रिपोर्ट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल सामने आया, जिसने पूरे केस का रुख बदल दिया. इस ब्लास्ट में 12 लोगों की जान चली गई.
2. EcoSport: विस्फोटक पहुंचाने वाली कार
सूत्रों के मुताबिक खंदावली गांव में मिली लाल रंग की EcoSport वही गाड़ी है जिससे अमोनियम नाइट्रेट अलग-अलग ठिकानों तक पहुंचाया गया. बुधवार शाम करीब 4 बजे NIA की टीम इस कार तक पहुंची. इस कार की फॉरेंसिक जांच में भी अमोनियम नाइट्रेट के निशान मिले, जिससे साफ हो गया कि धमाके में इस्तेमाल सामग्री इसी रास्ते से लाई गई थी. जांच में पता चला कि यह कार मंगलवार रात को खंदावली गांव में पार्क की गई थी. गाड़ी चलाने वाला फ़हीम नाम का युवक उमर का असिस्टेंट बताया जा रहा है. फ़हीम की बहन उसी गांव में रहती है और इसी वजह से गाड़ी एक खाली प्लॉट में छिपाकर खड़ी की गई थी. NIA ने खंदावली के दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
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3. Swift Dzire: जिसमें मिली AK-47
तीसरी गाड़ी Swift Dzire की कहानी और गहरी है. यही वो कार है जिससे AK-47 बरामद हुई, जिसने जांच एजेंसियों को चौंका दिया. ज्यादातर इस गाड़ी को मुजम्मिल चलाता था और हर रोज सुबह 8 बजे के आसपास ये कार लाया करता था. अब एजेंसियां ये पता लगा रही हैं कि AK-47 कहां और किसके कहने पर रखी गई.
4. Brezza – शाहीन की नई गाड़ी
चौथी गाड़ी Brezza है, जो शाहीन के नाम पर खरीदी गई. सूत्र बताते हैं कि यह कार उसी बिल्डिंग में मौजूद है जहां से बाकी आरोपी पकड़े गए. इसकी फॉरेंसिक जांच पूरी हो चुकी है, हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि Brezza का इस्तेमाल धमाके की साजिश में सक्रिय रूप से हुआ या नहीं.
जांच का फोकस अब इन गाड़ियों पर
NIA, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और IB की टीमें अब इन चार गाड़ियों के मूवमेंट को लेकर डिजिटल ट्रेल खंगाल रही हैं. किस दिन कौन चला रहा था. किस जगह पार्क हुई और किन मोबाइल लोकेशंस से इनकी गतिविधियां जुड़ी थीं. फिलहाल जांच एजेंसियों के लिए हर गाड़ी अब एक कड़ी बन चुकी है और जांच एजेंसियां इन्हीं चार रास्तों से दिल्ली धमाके की साजिश के पूरे नक्शे तक पहुंचने की कोशिश में हैं.














