"स्वेच्छा से नामांकन लिया वापस", कंचन जरीवाला ने जारी किया बयान, AAP ने लगाया था अपहरण का आरोप

मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिस तरह से कंचन जारीवाल के नामांकन को रद्द कराया गया है, वो साफ तौर पर पुलिस मशीनरी का ही दुरुपयोग नहीं है बल्कि फ्री और फेयर चुनाव की भावना के भी खिलाफ है.

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कंचन जरीवाल ने कहा कि मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और बिना किसी दबाव के पर्चा वापस ले लिया.

गुजरात:

गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस लिया है. आप ने बीजेपी पर जरीवाला के अपहरण का आरोप लगाया था. आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सूरत पूर्व से पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला के नामांकन को वापस लेने के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को चिट्ठी भी लिखी है.

कंचन जरीवाला ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान लोगों ने मुझसे कहा कि मैं देश विरोधी और गुजरात विरोधी पार्टी का उम्मीदवार क्यों बन गया हूं? फिर मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और बिना किसी दबाव के पर्चा वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि मैं देश विरोधी और गुजरात विरोधी पार्टी का साथ नहीं दे सकता.

चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में आप ने BJP की शिकायत की है. सिसोदिया ने चुनाव आयोग से कहा कि BJP जब कंचन जरीवाला का  नामांकन रद्द नहीं करा पाई तो उन्होंने कंचन जरीवाला और उनके परिवार को धमकी दी. अब बीजेपी इस मामले में पुलिस के साथ मिलकर कंचन को नॉमिनेशन सेंटर लेकर आए और उनका नामांकन रद्द करवाया. 

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि जिस तरह से कंचन जारीवाल के नामांकन को रद्द कराया गया है, वो साफ तौर पर पुलिस मशीनरी का ही दुरुपयोग नहीं है बल्कि फ्री और फेयर चुनाव की भावना के भी खिलाफ है. उन्होंने चुनाव आयोग (Assembly Election 2022) से अनुरोध किया कि वो इस मामले का संज्ञान लें और जांच के आदेश दें. इस मामले की जांच इसलिए भी होनी चाहिए क्योंकि कंचन जारीवाल ने अपना नामांकन डर और धमकी के चलते वापस लिया है.

बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी  नेता मनीष सिसोदिया ने BJP पर कंचन जरीवाला के अपहरण का आरोप लगाया था. वहीं उनके मिलने पर मनीष सिसोदिया ने कहा ' अभी-अभी 500 पुलिस वाले उनको घेर कर RO के दफ्तर लेकर आए हैं. उनसे जबरदस्ती अपना नामांकन वापस करवाया जा रहा है. उनको RO के दफ्तर में बैठा दिया गया है और पुलिस प्रोटेक्शन में दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपना नामांकन वापस ले ले. मैं चुनाव आयोग से कहना चाहता हूं यह सरेआम दिनदहाड़े लोकतंत्र की लूट हो रही है.'