मामले में जानबूझकर फंसाया गया : उच्च न्यायालय में बोले केजरीवाल

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा को बुधवार को याचिका पर सुनवाई करनी थी. उन्हें ईडी के वकील ने सूचित किया कि जांच एजेंसी को उसकी अर्जी पर केजरीवाल के जवाब की प्रति मंगलवार देर रात 11 बजे मिली और ईडी को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय की जरूरत है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी है कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की "प्रताड़ना" का शिकार हैं और आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें दी गई जमानत को रद्द करना "न्याय की गंभीर विफलता" के समान होगा. मामले में उनकी जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय की याचिका का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जमानत के विवेकाधीन आदेशों को केवल अभियोजन पक्ष की "धारणाओं और कपोल कल्पना" के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता.

ईडी की याचिका पर केजरीवाल का जवाब

ईडी की याचिका पर दाखिल अपने जवाब में केजरीवाल ने कहा, "विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत देने का आदेश न केवल तर्कसंगत था, बल्कि प्रथम दृष्टया यह भी दर्शाता है कि 'दोनों पक्षों के प्रासंगिक तर्कों और मंशाओं' पर विचार करने, उन्हें ईमानदारी से दर्ज करने और उनसे निपटने में उचित विवेक का प्रयोग किया गया था."

उच्च न्यायालय से किया ये आग्रह

उन्होंने कहा, "इसलिए, आदेश को रद्द करना न्याय की गंभीर विफलता के समान होगा." आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने उच्च न्यायालय से ईडी की याचिका खारिज करने और 25 जून के अंतरिम आदेश को रद्द करने का आग्रह किया, जिसके तहत निचली अदालत के 20 जून के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें उन्हें जमानत मिली थी.

बुधवार को याचिका पर न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा को करनी थी सुनवाई

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा को बुधवार को याचिका पर सुनवाई करनी थी. उन्हें ईडी के वकील ने सूचित किया कि जांच एजेंसी को उसकी अर्जी पर केजरीवाल के जवाब की प्रति मंगलवार देर रात 11 बजे मिली और ईडी को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय की जरूरत है. जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि जवाब की प्रति उन्हें मंगलवार रात 11 बजे दी गई, जबकि केजरीवाल के वकील ने कहा कि मामले के जांच अधिकारी को प्रति अपराह्न एक बजे दी गयी.

केजरीवाल के वकील ने कही ये बात

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने अदालत के सामने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि सुनवाई के लिए निश्चित समय निर्धारित किया जाना चाहिए, क्योंकि मामले में अत्यधिक तात्कालिकता है. ईडी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने हालांकि दलील दी कि जांच एजेंसी को मंगलवार देर रात को ही केजरीवाल के जवाब की प्रति मिली है और उन्हें जवाब पढ़ने तथा प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय की जरूरत है.

प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए ईडी को दिया गया समय

राजू ने कहा कि दस्तावेज मामले में पैरवी कर रहे वकील को सौंपे जाने चाहिए, न कि जांच अधिकारी को. उच्च न्यायालय ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ईडी को जवाब की प्रति मंगलवार को मिली और उसे इस पर प्रत्युत्तर दाखिल करना है. अदालत ने ईडी को प्रत्युत्तर दाखिल करने के वास्ते समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की.

Advertisement

केजरीवाल ने अपने जवाब में कही ये बात

केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि गिरफ्तारी एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को "परेशान और अपमानित करने के लिए अवैध रूप से की गई थी" और ईडी के पास ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिसके आधार पर उन्हें और अधिक समय तक कारावास में रखने को उचित ठहराया जा सके. उन्होंने जवाब में दावा किया, "ईडी ने प्रतिवादी (केजरीवाल) को झूठी और मनगढ़ंत कहानी में फंसाया है, प्रतिवादी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और इस मामले में गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है."

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Stubble Burning: पराली जलान में सबसे आगे कैसे पहुंचा Madhya Pradesh? आदिवासी किसानों ने बताया समाधान
Topics mentioned in this article