केंद्र की टीकाकरण नीति पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार से सवाल पूछता रहा है. अब कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना वाली एक टिप्पणी वापस ले ली है, जिसमें केंद्र सरकार ने राज्यों को टीके खरीदने की अनुमति दी थी. ये अनुमति राज्यों की मांग के बाद ही दी गई थी. दरअसल, नई वैक्सीन पॉलिसी पर कटाक्ष करते हुए पी चिदंबरम ने कहा था कि इसमें अंतर्निहित संदेश ये है कि मोदी सरकार ने अपनी गलतियों से सीखा है. उन्होंने दो बड़ी गलतियां कीं और गलतियों को सुधारने का प्रयास किया, लेकिन हमेशा की तरह झांसा देने के लिए. पीएम ने अपनी गलतियों के लिए विपक्ष को दोषी ठहराया है.
चिदंबरम ने कहा कि किसी ने नहीं कहा लेकिन वह राज्य सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि वे टीके खरीदना चाहते थे, इसलिए हमने अनुमति दी. किसी ने नहीं कहा. जानना चाहते हैं कि किस सीएम, किस राज्य सरकार ने किस तारीख को मांग की कि उन्हें टीके खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए.
पी चिदंबरम के बयान के बाद सोशल मीडिया पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पीएम मोदी को लिखा खत शेयर किया जाने लगा, जिसके बाद चिदंबरम ने अपने बयान को सही किया.
इसके बाद पी चिदंबरम ने आज ट्वीट किया कि मैंने ANI से कहा था कि कृपया हमें बताएं किस राज्य सरकार ने मांग की थी कि उन्हें सीधे टीके खरीदने की अनुमति दी जाए. सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ने पश्चिम बंगाल की सीएम का पीएम को खत वाली कॉपी पोस्ट की है. मैं गलत था.
बता दे कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश में कोविड वैक्सीनेशन नीति में बदलाव का ऐलान किया. पीएम ने कहा, 21 जून (विश्व योग दिवस) के बाद से 18 वर्ष से उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार, राज्यों को टीका मुहैया कराएगी. वैक्सीन का 75 हिस्सा केंद्र सरकार खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त मुहैया कराएगी. अपने संबोधन में पीएम ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा. हर गरीब को तय मात्रा में नवंबर तक मुफ्त अनाज मिलेगा. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने वैक्सीनेशन नीति को लेकर लगातार केंद्र पर निशाना साधा था.