उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में मुस्लिम छात्र को कक्षा के अन्य छात्रों से पिटवाने वालीं आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी एक वीडियो जारी कर अपनी गलती मानी है. इस वीडियो में आरोपी शिक्षिका ने कहा, "मुझसे गलती हुई, लेकिन मैंने हिंदू मुस्लिम नहीं किया." इधर, पीडि़त छात्र के बेटे का कहना है कि उनका बेटा इस घटना के बाद मेंटल ट्रॉमा से गुजरा है, इसलिए आरोपी टीचर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, तो अन्य शिक्षकों को सबक मिल सके.
टीचर ने वीडियो में कहा, "उस दिन बच्चे होमवर्क करके नहीं लाए थे और मेरा यही मकसद था कि बच्चे अच्छे से पढ़ाई करें. मैं विकलांग हूं. मुझसे उस दिन उठा नहीं जा रहा था. इसलिए मैंने दो-चार बच्चों से कह दिया कि तुम ही 1-2 थप्पड़ लगा दो, तो यह कल से होमवर्क करने लगेगा. बस मेरा यही मकसद था. लेकिन मेरा इस घटना का वीडियो काट-छांटकर हिंदू-मुस्लिम फसाद कराने के लिए कुछ लोगों ने वायरल कर दिया. मैं तो अब भी हाथ जोड़कर यह कह रही हूं कि मुझसे से गलती हुई."
प्राइवेट स्कूल चलाने वालीं तृप्ता त्यागी ने बताया, "हमारे स्कूल में बहुत सारे मुस्लिम समुदाय के बच्चे आते हैं, जो फीस नहीं दे पाते. मैं उनको फ्री पढ़ाती हूं. मेरा कोई ऐसा मकसद नहीं था कि मैं मुसलमान के बच्चों को अलग से कोई प्रताड़ना दूं. मैं हाथ जोड़कर कह रही हूं कि मेरा ऐसा कोई मकसद नहीं था.
पुलिस ने शनिवार को स्कूल की शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करने और अपने छात्रों को होमवर्क न करने पर एक मुस्लिम सहपाठी को थप्पड़ मारने का आदेश देने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया. इस मामले में स्कूल को शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस भी दिया गया था. लड़के के परिवार की शिकायत पर उस पर आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया है. ऐसे अपराध जमानती हैं और इनमें तत्काल गिरफ्तारी नहीं होती है और वारंट की आवश्यकता होती है.
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