'मेरे पास 2 विकल्प थे - सत्ता या संघर्ष': पार्टी विभाजन पर सुप्रिया सुले

सुप्रिया सुले ने कहा कि उस व्यक्ति को मत भूलिए जिसने आपको जन्म दिया है. किसी को सच तो कहना ही होगा. अगर हम सब डर गए तो देश में कोई लोकतंत्र नहीं रहेगा. हमारे पार्टी में टूट हुई. कल आपका भी यही हश्र होगा.

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'मेरे पास 2 विकल्प थे - सत्ता या संघर्ष': पार्टी विभाजन पर सुप्रिया सुले

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की कार्यकारी अध्यक्ष और बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने कहा कि उनके सामने दो विकल्प थे, सत्ता और संघर्ष. उन्होंने इंदापुर में एक सार्वजनिक बैठक में कहा कि संघर्ष के पक्ष में मेरे पिता थे और सत्ता के पक्ष में (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह थे. मुझे सत्ता और संघर्ष के बीच चयन करना था. मैंने चुना संघर्ष.

उन्होंने कहा, "उस व्यक्ति को मत भूलिए जिसने आपको जन्म दिया है. किसी को सच तो कहना ही होगा. अगर हम सब डर गए तो देश में कोई लोकतंत्र नहीं रहेगा. हमारे पार्टी में टूट हुई. कल आपका भी यही हश्र होगा.

अजित पवार आठ विधायक के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए, जबकि सुले और कई अन्य ने पार्टी संस्थापक शरद पवार के साथ रहना चुना. सुले ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार को सूचित कर दिया है कि वह अगले 10 महीनों तक बारामती में रहेंगी और मुंबई नहीं आएंगी.

उन्होंने कहा, "आने वाले चुनाव देश के लिए सर्वोपरि होंगे और यही कारण है कि अगले पांच वर्षों के भाग्य का फैसला करने के लिए अगले कुछ महीने हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे."

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