"यह मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा...": ISRO प्रमुख ने मंदिर जाने के सवाल पर दिया ये जवाब

एस. सोमनाथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के रूप में चंद्रयान -3 मिशन के नायक हैं. इस बड़ी सफलता के बाद इसरो प्रमुख ने शनिवार को केरल के एक मंदिर में पूजा-अर्चना की

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
बाहरी दुनिया के लिए विज्ञान, आंतरिक आत्मा के लिए मंदिर: इसरो प्रमुख
केरल:

इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ के मंदिर जाने को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है. वैज्ञानिकों के मंदिरों में जाने को लेकर इंटरनेट यूजर्स के एक वर्ग द्वारा 'विज्ञान बनाम धर्म' की बहस छेड़ने के बीच अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि वह विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों की खोज करना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चंद्रयान-3 के टचडाउन स्पॉट को 'शिवशक्ति प्वाइंट' नाम देने में कुछ भी गलत नहीं है.

सोमनाथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के रूप में चंद्रयान -3 मिशन के नायक हैं. भारत अब एक खास अंतरिक्ष क्लब का हिस्सा है, जो चंद्रमा पर उतरा है. इस बड़ी सफलता के बाद इसरो प्रमुख ने शनिवार को केरल के एक मंदिर में पूजा-अर्चना की. जब एस. सोमनाथ से मंदिर जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा, "मैं एक खोजकर्ता हूं. मैं चंद्रमा के बारे में अनुसंधान करता हूं. मैं आंतरिक ज्ञान का पता लगाता हूं. विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का पता लगाना मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है. मैं कई मंदिरों का दौरा करता हूं और कई धर्मग्रंथ पढ़ता हूं. मैं इसका अर्थ खोजने की कोशिश करता हूं कि हमारा अस्तित्व और इस ब्रह्मांड में हमारी यात्रा कहां तक है."

इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम ने जुलाई में चंद्रयान-3 मिशन से पहले आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर का दौरा किया था, जिससे विज्ञान और आध्यात्मिकता के मिश्रण पर बहस शुरू हो गई थी. एस. सोमनाथ ने कहा कि आंतरिक और बाहरी दोनों का अन्वेषण करना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा, "बाहरी के लिए मैं वैज्ञानिक खोज करता हूं, आंतरिक के लिए मैं मंदिरों में आता हूं."

Advertisement

उन्होंने पीएम मोदी द्वारा चंद्रयान-3 के टचडाउन स्पॉट को दिए गए 'शिवशक्ति प्‍वाइंट' नाम का भी समर्थन किया. एस. सोमनाथ ने कहा, "प्रधानमंत्री ने इसका अर्थ इस तरह से बताया जो हम सभी के लिए उपयुक्त है. मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने अगला नाम तिरंगा दिया और दोनों भारतीय-ध्वनि वाले नाम हैं. देश के प्रधानमंत्री होने के नाते, यह नाम रखना उनका विशेषाधिकार है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
NDTV NRI Punjab News: Amritsar में ब्लास्ट और बवाल से Georgia में 11 पंजाबियों की मौत तक