स्वतंत्रता संग्राम पर बोलते हुए मैंने महात्मा गांधी का अनादर नहीं किया: तमिलनाडु के राज्यपाल

राज्यपाल का यह स्पष्टीकरण तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के सदस्यों द्वारा यहां दिन में किए गए आंदोलन के मद्देनजर आया है, जिसमें कथित तौर पर महात्मा गांधी का अपमान करने के लिए राज्यपाल की निंदा की गई.

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चेन्नई:

तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने शनिवार को कहा कि उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर बोलते हुए महात्मा गांधी का अनादर नहीं किया और राष्ट्रपिता उनके जीवन के लिए पथप्रदर्शक रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों में कुछ मीडिया खबरों से यह ‘गलत धारणा' बनाने की कोशिश की गई कि वह महात्मा गांधी का ‘अनादर' कर रहे हैं, जो एक झूठ है.

राज्यपाल ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बहुत सम्मान करता हूं और उनकी शिक्षाएं मेरे जीवन के लिए आदर्श हैं.''उनका यह स्पष्टीकरण तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के सदस्यों द्वारा यहां दिन में किए गए आंदोलन के मद्देनजर आया है, जिसमें कथित तौर पर महात्मा गांधी का अपमान करने और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को कमतर आंकने के लिए राज्यपाल की निंदा की गई.

टीएनसीसी प्रमुख के एस अलागिरी, सांसद सु थिरुनावुक्कारासर और कांग्रेस विधायक दल के नेता के सेल्वापेरुन्थागई उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने आंदोलन में भाग लिया.

राजभवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में रवि के 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर उनके भाषण का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘‘मेरा अभिप्राय महात्मा गांधी का अनादर करने का नहीं था, जिनकी शिक्षाएं मेरे जीवन के लिए मार्गदर्शक रही हैं.''

उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया संगठनों ने भाषण के एक अंश का चयन किया और इसमें ‘तोड़-मरोड़' किया. उन्होंने कहा, ‘‘अपने भाषण में मैंने इस बात को विस्तार से बताने की कोशिश की कि हमारे देश की आजादी में नेताजी के महत्वपूर्ण योगदान की पर्याप्त सराहना नहीं की गई है. मैंने यह बताने की कोशिश की कि 1947 में आजादी की गति और प्रक्रिया को तेज करने की वजह फरवरी 1946 का वायु सेना और रॉयल इंडियन नेवी का विद्रोह था और ये दोनों घटनाएं नेताजी से प्रेरित थीं.''
 

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