मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट कुछ ऐसा नहीं करेगा... वक्फ कानून को चुनौती पर बोले किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति जो कहता है कि क्या उनके पास उस पद पर आसीन होने और संविधान की पुस्तक को अपने पास रखने का कोई नैतिक और संवैधानिक अधिकार है?

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नई दिल्ली:

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संशोधित वक्फ कानून को कानूनी चुनौती का जिक्र करते हुए एनडीटीवी से कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट "विधायी मामले में दखल नहीं देगा". साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह ऐलान कि संशोधित कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा, सवाल उठाता है कि क्या उनके पास इस पद पर रहने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार है. 

केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी ऐसे वक्‍त में सामने आई है जब इस कानून को लेकर विवाद तेज हो गया है. इस संशोधित कानून को कई लोगों और संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. 

हमें एक दूसरे का सम्‍मान करना चाहिए: रि‍जिजू

रिजिजू ने NDTV से कहा, "मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा." साथ ही उन्होंने कहा, "हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए. अगर कल सरकार न्यायपालिका में हस्तक्षेप करती है तो यह अच्छा नहीं होगा. शक्तियों का विभाजन अच्छी तरह से परिभाषित है." 

उन्होंने कहा, "मैंने किसी अन्य विधेयक की इतनी गहनता से जांच करते नहीं देखा... एक करोड़ प्रतिनिधित्व, जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की अधिकतम बैठकें और विधेयक पर चर्चा करते समय राज्यसभा में एक रिकॉर्ड." 

इसलिए सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट 

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वह विधायिका के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करेगा, लेकिन संविधान से जुड़े मुद्दों पर अंतिम मध्यस्थ के रूप में याचिकाकर्ताओं की सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि संशोधित कानून समानता और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार सहित कई मौलिक अधिकारों का हनन करता है. 

यह कैसा बयान?: ममता पर भड़के रिजिजू 

बंगाल में ममता बनर्जी ने पिछले साल नागरिकता संशोधन अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और समान नागरिक संहिता को लागू करने से इनकार कर दिया था. अब उन्‍होंने घोषणा की है कि संशोधित वक्फ कानून भी उस श्रेणी में शामिल होगा. 

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उनके रुख के बारे में पूछे जाने पर रिजिजू ने कहा कि यह संकेत दे सकता है कि बनर्जी भारत के संविधान में विश्वास नहीं करती हैं. 

उन्‍होंने कहा एनडीटीवी से कहा, "यह किस तरह का विचित्र बयान है?" 

उन्‍होंने कहा, "क्या ममता या किसी को भी लोगों की परवाह नहीं है? वे मुसलमानों को केवल वोट बैंक के रूप में देखते हैं. यह एक काला दिन होगा, जिस क्षण वे चुनौती देंगे... कोई भी व्यक्ति जो कहता है कि वह भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम का पालन नहीं करेगा - क्या उनके पास उस पद पर आसीन होने और संविधान की पुस्तक को अपने पास रखने का कोई नैतिक और संवैधानिक अधिकार है? क्या वे अंबेडकर का सम्मान करते हैं? वे किस तरह का संदेश देना चाहते हैं? बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है." 

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