तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में पुलिस ने एक संगठित ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी शामिल है. महिला शहर की एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम करती है. आरोप है कि वह अपने बॉयफ्रेंड इम्मानुएल के साथ मिलकर इस रैकेट का संचालन कर रही थी.
हैदराबाद नारकोटिक्स एन्फोर्समेंट विंग (H‑NEW) और चिक्कडपल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए आरोपियों की पहचान कर ली गई है.
- उम्मिडी इम्मानुएल (25)- इवेंट मैनेजर, गिरोह का मुख्य मास्टरमाइंड
- चोडावरापु सुष्मिता देवी उर्फ ‘लिली' (21)- सॉफ्टवेयर इंजीनियर, ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन और ड्रग वितरण में शामिल
- जी. साई कुमार (28)- डिलीवरी राइडर, जो शहर में नशीले पदार्थों की आपूर्ति करता था
- तालाबत्तुला तारका लक्ष्मीकांत अयप्पा (24)- ड्रग यूज़र के रूप में हिरासत में लिया गया
छापेमारी में नशीला पदार्थ बरामद
पुलिस ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नशीला पदार्थ बरामद किया, जिनमें 22 ग्राम OG (हाइड्रोपोनिक गांजा), 5 ग्राम MDMA, 6 LSD ब्लॉट्स, 5.5 ग्राम एक्स्टेसी, ₹50,000 नकद और चार मोबाइल फोन शामिल हैं. जब्त की गई वस्तुओं की कुल कीमत करीब ₹3.1 लाख आंकी गई है.
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कैसे काम करता था ये रैकेट
जांच में खुलासा हुआ है कि इम्मानुएल ड्रग्स की सप्लाई डार्क वेब से भी करता था और इसके लिए Tor ब्राउज़र जैसे टूल्स का उपयोग किया जाता था. लेनदेन को ट्रेस होने से बचाने के लिए भुगतान क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स, जैसे Binance और Trust Wallet, के माध्यम से किए जाते थे. सुष्मिता देवी डिजिटल पेमेंट्स और फंड मैनेजमेंट संभालती थी और इम्मानुएल की गैरमौजूदगी में ड्रग वितरण का संचालन भी करती थी. वहीं, साई कुमार स्थानीय स्तर पर माल की डिलीवरी का जिम्मा निभाता था.
चारों आरोपियों पर NDPS एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अब नेटवर्क से जुड़े और व्यक्तियों व सप्लायर कनेक्शन का पता लगाने में जुटी है.














