पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (Hurriyat Conference) खत्म हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान से इसे जिंदा रखने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आतंकवाद अब ‘‘बैसाखी पर'' है. डीजीपी ने कहा कि अधिकतर मदरसा अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसे संस्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिनके छात्र अतीत में आतंकवादी बन चुके हैं. पुलिस प्रमुख ने किश्तवाड़ जिले में स्थानीय युवाओं के लिए पुलिस द्वारा आयोजित एक क्रिकेट टूर्नामेंट से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस खत्म हो चुकी है. इसे जिंदा रखने के लिए, इसकी शाखा पाकिस्तान में खोली गयी है और वे वहां से ‘बंद' का आह्वान कर रहे हैं.''
सिंह ने कहा कि लोगों ने ‘बंद' के आह्वान को खारिज करके उनके ‘‘मुंह पर जोरदार तमाचा मारा'' है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि पांच अगस्त (अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की तीसरी वर्षगांठ) और 15 अगस्त को कोई हड़ताल नहीं हुई.