पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद बनाने पर अड़े हुमायूं कबीर की नई बनी पार्टी में अभी से बवाल शुरू हो गया है. तृणमूल कांग्रेस से बाहर किए गए कबीर ने जनता उन्नयन पार्टी (जेयूपी) बनाई थी और 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बॉलीगंज से निशा चटर्जी को उम्मीदवार भी घोषित किया था. 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि मंगलवार को निशा की उम्मीदवारी यह कहते हुए वापस ले ली गई कि सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और वीडियो पार्टी की छवि के लिए ठीक नहीं हैं. उधर, इस फैसले से आगबबूला निशा ने हुमायूं कबीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
निशा ने आरोप लगया कि हिंदू होने के चलते उनका टिकट काटा गया है. कबीर ने सोमवार को जनता उन्नयन पार्टी (जेयूपी) का गठन किया था और दक्षिण कोलकाता के बालीगंज समेत आठ विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे. निशा ने कहा, मुझे पार्टी से निकाल दिया और कहा गया कि वो हिंदू हैं. उनकी पार्टी सेकुलर होती तो ऐसा कतई नहीं होता. मैंने तो बाबरी मस्जिद निर्माण का समर्थन किया था.
Nisha Chaterjee
निशा चटर्जी ने कहा, इससे उनकी बदनामी हुई है. 22 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस पर बुलाकर उन्हें समिति का सदस्य बनाया गया. फिर उन्हें उम्मीदवार बना दिया. लेकिन 24 घंटे के भीतर मेरे सोशल मीडिया पोस्ट उन्हें अश्लील कैसे लगने लगे. उन्हें सबके सामने मेरी बदनामी की है. वो विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार ताल ठोंक सकती हैं.
सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर
संजना चटर्जी उर्फ निशा चटर्जी सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 72 हजार के करीब फॉलोअर्स हैं. टिकट मिलने के ऐलान के बाद उनके सोशल मीडिया पोस्ट तेजी से वायरल हुए.
हुमायूं कबीर ने क्या कहा
निशा का टिकट काटने पर कबीर ने कहा था, “मैंने सोशल मीडिया पर निशा की कुछ तस्वीरें और वीडियो देखे हैं. उन्हें देखने के बाद मुझे लगता है कि उन्हें हमारी पार्टी का उम्मीदवार नहीं होना चाहिए। इससे जनता को गलत संदेश जाएगा। मुझे यह निर्णय लेने का पूरा अधिकार है.
Nisha
निशा ने कहा, मुझे पार्टी से निकाल दिया और कहा गया कि वो हिंदू हैं. उनकी पार्टी सेकुलर होती तो ऐसा कतई नहीं होता. मैंने तो बाबरी मस्जिद निर्माण का समर्थन किया था.