राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने ओडिशा (Odisha) के केन्द्रपाड़ा जिले में एक दलित (Dalit) व्यक्ति से कथित रूप से थूक में नाम रगड़वाने के मामले में शुक्रवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट देने को कहा. भुवनेश्वर से करीब 90 किलोमीटर दूर तिखिरी गांव निवासी इस दलित व्यक्ति को गांव के सरपंच ने कथित रूप से ऐसा करने पर मजबूर किया. सरपंच पिछले रविवार को दलित व्यक्ति के घर मंदिर के लिए चंदा मांगने गया था. पीड़ित की पत्नी ने मारसघई थाने में दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि जब उन्होंने सरपंच को बताया कि वे पहले ही मंदिर के लिए दान दे चुके हैं तो उन्हें परेशान किया गया.
महिला ने दावा किया कि उसके पति को अपने ही थूक में नाक रगड़ने को मजबूर किया गया और आसपास के लोग तमाशा देखते रहे. घटना के संबंध में मीडिया में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा है कि यह बेहद ‘‘गंभीर प्रकृति' का मामला है क्योंकि पीड़ित के सम्मान के अधिकार का गंभीर उल्लंघन हुआ है.
आयोग ने कहा कि घटना के संबंध में मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर जांच के संबंध में छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है. मानवाधिकार आयोग ने दलित को वैधानिक सहायता देने का भी निर्देश दिया है. वहीं, मारसघई थाने के निरीक्षक पी. के. कानूनगो ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तार नहीं हुई है.