दुनिया भर में बड़े पैमाने पर इंटरनेट ठप (Internet Outage) होने से हड़कंप मच गया है. अमेरिका की क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर फास्टली ने माना है कि उसके सीडीएन (Content Delivery Network) में समस्या आने के कारण इंटरनेट में तकनीकी खामी हुई, जिसका खामियाजा आधी दुनिया के यूजर्स को भुगतना पड़ा.खबरों के मुताबिक, तमाम पापुलर वेबसाइट अमेजन, रेडिट, स्पॉटिफाई, पेपल, शॉपिफाई ठप हो गई थीं. न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) , सीएनएन (CNN) समेत बड़ी अंतरराष्ट्रीय न्यूज वेबसाइट और पोर्टल इस कारण डाउन हो गए थे.गार्डियन (Guardian) ,बीबीसी और फाइनेंशियल टाइम्स जैसी साइटों को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा. इंटरनेट पर तकनीकी परेशानियों पर नजर रखने वाली डाउनडिटेक्टर का कहना है कि सैकड़ों यूजर्स ने इसको लेकर अपना अनुभव साझा किया था.
सीडीएन यानी कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क्स को इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर का बुनियादी हिस्सा माना जाता है. फास्टली जैसी कंपनियां सर्वर के ग्लोबल नेटवर्क्स के जरिये अपनी वेब सेवाओं को बेहतर बनाती हैं. उदाहरण के तौर पर मीडिया कंटेंट को आपके स्थानीय सीडीएन सर्वर द्वारा इकट्ठा कर लिया जाता है और हर बार वेब पेज लोड करने के लिए मूल सर्वर तक जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ती. इससे वेब पेज कम समय में लोड हो जाता है और वेबसाइट पर भारी ट्रैफिक होने के बावजूद इसके क्रैश होने का खतरा कम हो जाता है.
BBC के मुताबिक, अमेजन(Amazon) , रेडिट (Reddit), Pinterest और ट्विटच (Twitch) जैसी बड़ी वेबसाइटें भी काम नहीं कर पा रही हैं. ब्रिटिश सरकार की वेबसाइट gov.uk भी ठप है. जिन वेबसाइटों पर यह दिक्कत आ रही है, उनमें 'Error 503 Service Unavailable' दिखाई दे रहा है. फास्टली का कहना है कि वो ग्लोबल कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क में आई परेशानी को दूर करने का प्रयास कर रही है. हालांकि यह समस्या क्यों आई है, इसके बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है. किसी साइबर हमले या अन्य बाहरी दखल को लेकर अभी कुछ नहीं कहा गया है.
हालांकि Fastly ने अपने स्टेटस पेज पर कहा है कि कुछ वेबसाइट धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं, क्योंकि समस्या का समाधान किया जा रहा है. क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर इस तकनीकी खामी को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं. बीबीसी के मुताबिक, इंटरनेट की यह समस्या स्थानीय प्रतीत हो रही है, यही वजह है कि सिर्फ यूरोप और अमेरिका में इसका असर देखा गया है. अमेजन वेब सर्विसेस पर भी इसका प्रभाव देखा गया है. ट्विटर पर कुछ विशेषज्ञों ने इंटरनेट का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर सिर्फ कुछ चुनिंदा कंपनियों के हाथों में होने का सवाल भी उठाया है. उनका कहना है कि कभी भी छोटी सी समस्या इस कारण विकराल रूप धारण कर लेती है.