कैसे पकड़े गए बीएचयू-आईआईटी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपी? पढ़ें पूरी जानकारी

लंका थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि काशी हिंदू विश्विद्यालय के आईआईटी की छात्रा के साथ विश्विद्यालय परिसर में कथित सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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वाराणसी के लंका थाना इलाके में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आईआईटी की एक छात्रा के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म और वीडियो बनाये जाने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. मामले को लेकर विपक्षी दलों खासतौर से समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने आरोपियों का सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से संबंध होने का आरोप लगाया है. हालांकि, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोपियों को संरक्षण देने वालों की जांच की मांग की है.

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्‍स' पर आरोपियों की एक तस्‍वीर साझा करते हुए अपने पोस्‍ट में दावा किया, ‘‘ये हैं भाजपा के दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में सरेआम पनपते और घूमते भाजपाइयों की वो नयी फसल, जिनकी ‘तथाकथित जीरो टॉलरेंस सरकार' में दिखावटी तलाश जारी है.''

लंका थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि काशी हिंदू विश्विद्यालय के आईआईटी की छात्रा के साथ विश्विद्यालय परिसर में कथित सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

उन्होंने बताया कि पकड़े गये तीनों आरोपियों की पहचान ब्रिज इनक्लेव निवासी कुणाल पांडेय, जिवधीपुर बजरडीहा निवासी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान व सक्षम पटेल के रूप में हुई है. तीनों को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई है.

आईआईटी की एक छात्रा ने बीते दो नवंबर को लंका थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि एक नवंबर की देर रात वह अपने आईआईटी छात्रावास से निकली थी और कुछ ही दूरी पर उसका एक दोस्त उसे मिल गया तथा दोनों कर्मन बाबा के मंदिर के पास पहुंचे तभी एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उन्हें रोक लिया.

पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बदमाशों ने उसे उसके दोस्त से अलग कर दिया और फिर उसका मुंह दबा कर उसे कोने में ले गए और उसे निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया और फोटो खींचे. पीड़िता ने अपने साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप भी लगाया था.

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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि बदमाशों ने करीब 15 मिनट तक उसे बंधक बनाए रखा और फिर वे उसका मोबाइल नम्बर लेकर भाग गये. इस मामले में लंका पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस ने बताया कि इसके बाद मामले में सामूहिक बलात्कार की धारा भी जोड़ी गई.

इस बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्‍स' पर आरोपियों की एक तस्‍वीर साझा करते हुए कहा, ‘‘सूचनार्थ : ये भाजपा के सर्वोच्च नेताओं से अभयदान प्राप्त वो भाजपाई हैं जिन पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एक छात्रा के साथ अभद्रता की सीमाएं पार करने का आरोप है.''

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यादव ने इसी संदेश में सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘प्रश्नार्थ : क्या नारी के सम्मान से खिलवाड़ करने वाले भाजपाइयों को खुली छूट जारी रहेगी.''

इसके पहले सपा ने भी ‘एक्‍स' पर अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्‍ट कर आरोप लगाया, ‘‘भाजपा की गारंटी : सत्ता की हनक में भाजपाई करेंगे शोषण! आईआईटी-बीएचयू में गन पॉइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाने एवं सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी हैं भाजपा सोशल मीडिया के सदस्य, शर्मनाक. प्रदेश में बहन-बेटियां असुरक्षित, भाजपा वाले ही हैं खतरा. इन आरोपियों को सख्त से सख्त सज़ा मिले, सरकार न दे संरक्षण.''

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कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने भी ‘एक्‍स' पर अपने संदेश में दावा किया, ‘‘आईआईटी बीएचयू की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले और कोई नहीं बल्कि भाजपा के कुणाल पांडेय (महानगर आईटी के संयोजक) और सक्षम पटेल (काशी प्रांत के अध्यक्ष) दिलीप पटेल का पीए है. यही है भाजपा का दुष्कर्मी चेहरा. शर्मनाक.''

उधर, एबीवीपी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इकाई अध्यक्ष एवं काशी प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह के हवाले से एक बयान जारी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.

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बयान में कहा गया कि पुलिस प्रशासन आईआईटी-बीएचयू में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म की घटना में लगभग 60 दिनों के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के पश्चात जल्द आरोप पत्र दाखिल कर न्याय सुनिश्चित करे और दो माह तक आरोपियों को संरक्षण देने वालों को चिह्नित कर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित हो.

बयान के अनुसार, एबीवीपी की बीएचयू इकाई के मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा, ‘‘आईआईटी बीएचयू की छात्रा बहन के साथ हुई घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी के पश्चात हम सभी यही मांग करते हैं की दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा मिले जिससे समाज में ऐसे अपराध करने वालों के बीच सख्त संदेश जाए. गिरफ्तारी में इतना विलंब क्यों हुआ यह भी जांच का विषय है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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