राजस्थान के उदयपुर में दिल दहला देने वाले आतंकी हमले को अंजाम देकर भाग रहे दो लोगों को राजस्थान पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में घर दबोचा. गौरतलब है कि मंगलवार को दो लोगों ने एक दर्जी की उसकी दुकान में घुसकर हत्या कर दी थी. दोनों ने हत्या का वीडियो भी बनाया था और इसे बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का बदला बताया है. 48 वर्षीय दर्जी कन्हैया लाल की हत्या करने के बाद इन आरोपियों ने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किए. दोनों एक वीडियो में कन्हैयालाल के सिर कलम कर देने की बात स्वीकार कर रहे हैं साथ ही वीडियो में पीएम मोदी को भी धमकी देते दिखाई दे रहे हैं.
राजस्थान पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को राजसमंद ज़िले के भीम से गिरफ़्तार कर लिया है. दोनों की पहचान मोहम्मद रियाज़ और गौस मोहम्मद के रूप में हुई है. राजसमंद के पुलिस प्रमुख सुधीर चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हेलमेट पहने ये दो लोग उदयपुर के बाहरी इलाके में एक राजमार्ग पर बाइक से भागने की कोशिश कर रहे थे.
तभी बैरिकेडिंग पर तैनात पुलिस ने उन्हें रूकने के लिए कहा. लेकिन ये दोनों फिर भी भागने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने उन्हें काबू में कर लिया. ये सारा वाकया कांग्रेस के सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर नितिन अग्रवाल द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में देखने को मिला.
कन्हैया लाल के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं. एक बेटे की उम्र 18 साल है और दूसरे की 20. राज्य सरकार ने दोनों बच्चों को नौकरी और परिवार के लिए 31 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. पुलिस ने कहा कि छिटपुट मामूली घटनाओं को छोड़कर उदयपुर में स्थिति शांत है.
कन्हैया लाल ने कुछ हफ्ते पहले भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में टिप्पणी पोस्ट की थी. नुपुर शर्मा ने एक टेलीविजन बहस में पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के बाद भारत में व्यापक विरोध और खाड़ी देशों से निंदा शुरू हो गई थी. सरकार ने उन्हें आश्वस्त करने की कोशिश की कि टिप्पणियां एक व्यक्ति की थीं और भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है.
कन्हैया लाल की पत्नी ने कहा कि उनकी पोस्ट के बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके बाद दर्जी और शिकायतकर्ताओं के बीच पुलिस ने मध्यस्थता करवाया. बहरहाल, मामला कन्हैया लाल के लिखित आश्वासन के साथ सुलझ गया कि वह पुलिस से और सहायता नहीं चाहता है. लेकिन इसके तुरंत बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी. कन्हैयालाल ने इन धमकियों की जानकारी पुलिस से साझा किया था.