SBI ने ATM से बैठे-बैठे कमा लिए 2 हजार करोड़, लेकिन बाकी बैंकों को बड़ा घाटा, जानिए नफा-नुकसान

तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला रॉय के संसद में पूछे गए सवाल पर केंद्र सरकार ने लिखित जवाब में आंकड़ा साझा किया है.

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नई दिल्ली:

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की एटीएम से होने वाली आय को लेकर केंद्र सरकार ने संसद में अहम जानकारी दी है.  लोकसभा में सांसद माला रॉय के सवाल पर वित्त मंत्रालय की तरफ से आंकड़े साझा किए गए हैं. सरकार ने बताया है कि पिछले 5 वित्तीय वर्ष में एटीएम ने कितनी कमाई की है. बहुत कम ही बैंक हैं जिन्हें एटीएम से लाभ हो रहा है जबकि अधिकतर बैंक घाटे में चल रहे हैं. डिजिटल भुगतान में तेजी के बाद से एटीएम का उपयोग ग्राहकों की तरफ से कम किया जा रहा है. एसबीआई जैसे बैंक जिनका बड़ा नेटवर्क है और उन हिस्सों तक भी पहुंच हैं जहां डिजिटल लेनदेन कम है उन्हें एटीएम से लाभ होता रहा है. हालांकि उनके मुनाफे में भी उतार चढ़ाव देखने को मिलता रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक के पांच सालों में विभिन्न सार्वजनिक बैंकों ने एटीएम के जरिए अलग-अलग आय अर्जित की है. इस दौरान कुछ बैंकों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि कुछ को नुकसान भी उठाना पड़ा. सबसे अधिक कमाई करने वाले बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) शामिल हैं, जबकि कुछ बैंकों जैसे इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को नुकसान का सामना करना पड़ा.

आंकड़ों पर नजर डालें तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 656 करोड़ रुपये की कमाई की. पंजाब नेशनल बैंक ने 2019-20 में 102.40 करोड़ रुपये कमाए. दूसरी ओर, बैंक ऑफ बड़ौदा को 2019-20 में 70.06 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.  2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 212.08 करोड़ रुपये पर आ गया. इसी तरह, बैंक ऑफ इंडिया को 129.82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, लेकिन 2023-24 में यह नुकसान 66.12 करोड़ रुपये का रहा. 

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 इंडियन बैंक ने 2019-20 में 41.85 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया, जो 2023-24 में बढ़कर 188.75 करोड़ रुपये हो गया. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को भी 2019-20 में 60.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जो 2023-24 में 195.88 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इसके अलावा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 2019-20 में 3.17 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, लेकिन 2023-24 में यह 203.87 करोड़ रुपये के नुकसान में बदल गया.

विश्लेषकों का मानना है कि एटीएम से होने वाली आय में यह उतार-चढ़ाव डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन और नकदी के उपयोग में कमी के कारण हो सकता है. पिछले कुछ वर्षों में यूपीआई और अन्य डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता बढ़ने से लोग कम नकदी का उपयोग कर रहे हैं, जिसका असर बैंकों की एटीएम आय पर पड़ा है. इसके अलावा, एटीएम के रखरखाव और संचालन की लागत भी एक बड़ा कारण है, जिसके चलते कुछ बैंकों को नुकसान उठाना पड़ता है. 

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