भारतीय जनता पार्टी 'अबकी बार 400 पार' के नारे के साथ लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में उतरी है. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ एक खास बातचीत में बताया कि केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल बीजेपी को कितनी सीटें मिलने जा रही हैं. बीजेपी ने इस बार 400 पार सीटों का नारा दिया है, लेकिन असल में कितनी सीटें मिलने जा रही हैं? अमित शाह ने बताया कि इस बार बीजेपी की दक्षिण के राज्यों में सीटें बढ़ने जा रही हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "साल 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत के नारे के साथ निकली, तब भी दिल्ली के राजनीतिक पंडितों का यह आकलन था कि ये हो नहीं सकता. मगर हमें पूर्ण बहुमत मिला. 2019 में हम 300 प्लस सीटों के नारे के साथ निकले, तब भी लोग कहते थे कि ये नहीं हो सकता है. आज भी लोग कह रहे हैं.
बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना में BJP को कितनी सीटें?
भाजपा को इस बार ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से काफी उम्मीदें हैं. इन राज्यों में भाजपा को कितनी सीटें मिल सकती है? इस पर गृह मंत्री ने कहा, "देखिए, बंगाल में भी हम इस बार अच्छी बढ़ोतरी करेंगे, यहां हम 24 से 30 सीटें जीतने जा रहे हैं. ओडिशा में 17 लोकसभा सीटें और 75 विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य हमारा तय है. तेलंगाना में भी हम 10 के आसपास सीटें जीतेंगे. आंध्र प्रदेश में हमारे गठबंधन की सरकार बनने जा रही है और वहां एनडीए बड़ी संख्या में लोकसभा सीटें निकालेगा.
बीजेपी इन राज्यों में बनेगा सबसे बड़ा दल
केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल... इन राज्यों में बीजेपी को नेट गेन कितनी सीटों का होने जा रहा है? अमित शाह का कहना है, "देखिए, दो हिस्से आप अलग कर दीजिए. हम पूर्व जोन, जिनमें पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और ओडिशा आता है, उसमें सबसे बड़ा दल बनकर निकलेंगे. ये निश्चित है. वहीं, दक्षिण के पांच राज्य तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु, उसमें भी बीजेपी सभी दलों में सबसे ज्यादा सीटें इस बार प्राप्त करने जा रही है.
ओडिशा के लिए गायब साल
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. बीजेपी को क्यों लगता है कि ओडिशा में बड़ा मौका है...? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि इस बार ओडिशा में इस बार बदलाव होने जा रहा है. देश का पिछले 25 सालों का जब इतिहास लिखा जाएगा, तो ये ओडिशा के लिए गायब साल माने जाएंगे. नवीन पटनायक के शासनकाल में प्रदेश के लोगों का विकास नहीं हुआ. इन पिछले 25 सालों में देश के कई राज्य अपने इंफ्रास्टक्चर, एजुकेशन सिस्टम, इकोनॉमी की परिस्थिति, हेल्थ सिस्टम और एग्रीकल्चर क्षेत्र में कंट्रीब्यूट कर देश की इकोनॉमी में बढ़ोतरी कर रहे हैं.
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