- मोंथा तूफान बुधवार रात को आंध्र प्रदेश तट से टकराया. इसका असर ओडिशा में भी देखा गया.
- तूफान के कारण आंध्र प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर बागवानी फसलें नष्ट हो गईं.
- तेज हवाओं के चलते आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए, जिससे यातायात प्रभावित हुआ.
मोंथा मतलब सुंगधित फूल. लेकिन बंगाल की खाड़ी से उठा यह तूफान बुधवार रात करीब सात बजे आंध्र प्रदेश तट से फूल नहीं, फायर बनकर टकराया. आंध्र और ओडिसा इससे थरथरा से गए. करीब 90-100 से की किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यह तूफान आंध्र में घुसा. राहत की बात यह है कि इसके तेवर कुछ ढीले पड़ गए. रात में छह घंटे तक यह करीब 10 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ा.
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आंध्र और ओडिशा में क्या हुआ?
- ‘मोंथा' ने मंगलवार रात आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक दी
- पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी इसका असर महसूस किया गया
- ओडिशा के 15 जिलों में तूफान से भारी बारिश, पेड़ उखड़े
आंध्र में कैसे घुसा मोंथा?
- मोंथा तूफान के आंध्र तट से टकराने की प्रक्रिया शाम करीब सात बजे शुरू हुई.
- तूफान ने मछलीपट्टनम-कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास आंध्र तट को पार किया.
- चक्रवात के तट से गुजरने के दौरान हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी.
- मोंथा से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में भारी बारिश, तेज हवाओं से कई पेड़ भी उखड़े
- कोनासीमा में ताड़ का पेड़ उखड़कर महिला के ऊपर गिरा, उसकी मौत हो गई.
- आंध्र में 38,000 हेक्टेयर फसलें नष्ट ,1.38 लाख हेक्टेयर बागान को नुकसान
मोंथा तूफान से हुए असर के वीडियो देखें
मोंथा चक्रवात की वजह से इतनी तेज हवाएं चलीं कि आंध्र प्रदेश में कई जगहों पर पेड़ टूट गए. जिसके बाद पुलिस के जवानों ने एपुरुपालेम, वेटापालेम और आसपास के इलाकों में गिरे हुए पेड़ों को हटाकर यातायात को बहाल किया.
मोंथा के लैंडफॉल के बाद ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर समुद्र तट पर तेज हवाएं चलीं. हालांकि इस दौरान लोगों को समुद्र में जाने से पहले ऐहतियात बरतने की सलाह दी गई.
मोंथा ने मंगलवार रात को आंध्र प्रदेश के तट को पार कर लिया. इसका असर पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी देखा गया. यहां पर 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है. तूफान की शुरुआत शाम करीब 7 बजे हुई. इस दौरान 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से तेज हवाएं चलीं और तेज बारिश हुई. चक्रवात के प्रभाव से आंध्र प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें नष्ट हो गईं.
चक्रवात 'मोंथा' से पहले चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर में भारी बारिश हुई. जिससे रिहायशी इलाकों में पानी भर गया. सड़कें और घर पानी में डूब गए हैं और लोग फंस गए हैं.
आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में चक्रवात मोंथा की वजह से मंगिनापुडी समुद्र तट पर तेज हवाओं का असर तट पर देखा गया. इस दौरान एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर रहीं.
मोंथा तूफान की वजह से विशाखापत्तन में तट पर ऊंची लहरें उठने लगीं. वहीं मोंथा के प्रभाव के बीच चेन्नई में मछुआरे अलर्ट दिखे. उन्होंने एहतियात के तौर पर अपनी नावों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाए.
IMD ने बुधवार के लिए आंध्र के कुछ जिलों के लिए जारी रेड अलर्ट वापस ले लिया. वहीं श्रीकाकुलम, पार्वतीपुरम मान्यम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, अल्लूरी सीतारमा राजू, अनाकापल्ली, एलुरु, एनटीआर, कृष्णा, गुंटूर, पलनाडु, बापटला और नंद्याल जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.














