भारत के चंद्र मिशन में कैसे मदद कर रहा है NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी?

नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अंतरिक्ष स्टेशन इसरो को ट्रैकिंग में सहायता प्रदान करेंगे

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NASA और ESA स्टेशन इसरो को जानकारी भेज रहे हैं.
नई दिल्ली:

जहां 1.4 अरब भारतीय सांस रोककर चंद्रयान 3  (Chandrayaan 3) के चंद्रमा की सतह पर उतरने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं इतिहास बनाने की दिशा में बढ़ते हुए अंतरिक्ष यान को ट्रैक करने में दो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की सहायता करेंगी. अमेरिका के नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अंतरिक्ष स्टेशन लैंडर के उतरने के दौरान मिशन संचालन टीम को ट्रैकिंग सहायता प्रदान करेंगी.

इसे संदर्भ में देखें तो विक्रम लैंडर, चंद्रयान 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल और चंद्रयान 2 ऑर्बिटर पृथ्वी से लगभग 3.84 लाख किलोमीटर दूर चंद्रमा की कक्षा में हैं. पृथ्वी और चंद्रमा अपनी धुरी पर घूम रहे हैं और सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं. हलचल के बीच पृथ्वी पर मौजूद एंटेना लैंडर के उतरने की क्रमिक प्रक्रिया पर नज़र रख रहे हैं. बेंगलुरु के पास बयालू में भारत का सबसे बड़ा 32 मीटर का डिश एंटीना चंद्रयान-3 पर नज़र रख रहा है.

लेकिन कई बार लैंडर शेडो रीजन में चला जाता है और यहां से उसे ट्रैक नहीं किया जा सकता. ऐसी स्थिति में  NASA और ESA के गहन अंतरिक्ष नेटवर्क काम आते हैं. हालांकि यह एक निःशुल्क सेवा नहीं है, भारत इसके लिए भुगतान कर रहा है. यह इस पर निर्भर करता है कि वह कितने एंटीना का उपयोग करता है और कितनी अवधि के लिए करता है.

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इसलिए जब लैंडर हमारे एंटीना की नज़र में नहीं होता है, तो नासा या ईएसए लैंडर के साथ कम्युनिकेशन करता है और बेंगलुरु में मिशन संचालन टीम को जानकारी भेजता है.

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हालांकि यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि इसरो की सहायता करने वाले इन नेटवर्कों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि लैंडर को क्या करना है या उससे क्या संचार करना है. यह नियंत्रण बेंगलुरु में मिशन संचालन टीम के पास है और वे केवल संचार लिंक के रूप में कार्य करते हैं, जब इसरो अपने नेटवर्क के माध्यम से लैंडर तक नहीं पहुंच पाता है.

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चंद्रयान-3 के शाम 6 बजे के आसपास चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है. इसकी सफलता के लिए देशभर में सामूहिक प्रार्थना के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. लोग मिशन की सफलता के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं. रूस के चंद्रमा मिशन के लूना-25 अंतरिक्ष यान के रविवार को दुर्घटनाग्रस्त होने से समाप्त होने के बाद सस्पेंस विशेष रूप से अधिक है.

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