महाराष्ट्र के पुणे जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसे में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई. ये हादसा उस समय हुआ जब ये लोग इंद्रायणी नदी पर बने एक पुराने पुल पर मौजूद थे. पुल पर क्षमता से अधिक लोगों के मौजूद होने के कारण ये ढह गया और पुल के नीचे बह रही उफनती नदी में गिरने से चार की मौत हो गई है. जबकि कई लोग अब भी लापता हैं. इस दर्दनाक हादसे में 51 लोग घायल हुए हैं. लापता लोगों की तलाशी के लिए विशेष टीम अभियान चला रही है. अब तक 39 लोगों को बचाया गया है. स्वप्निल कोल्लम नामक एक चश्मदीद ने हादसे के बार में जानकारी देते हुए कहा कि, "पुल पर 150-200 से अधिक लोग थे, लेकिन जिस स्थान पर पुल ढहा, वहां 50 से अधिक लोग थे. यह भगवान की कृपा है कि मेरा परिवार सुरक्षित है."
एक अन्य चश्मदीद निखिल कोल्लम ने कहा, "यह भगवान राम की कृपा है कि हम सुरक्षित हैं. आज मेरा और मेरे परिवार का पुनर्जन्म है." बता दें संकरे फुटब्रिज पर 150-200 से अधिक लोग मौजूद थे, तभी इसका एक हिस्सा ढह गया. जिससे दर्जनों लोग पानी में डूब गए.
- पुणे जिला प्रशासन के अनुसार कुंडमाला पुल का काम 1990 में शुरू हुआ था.
- इसे 1993 में उपयोग के लिए खोल दिया गया था.
- हालांकि, प्रशासन ने 2023 में पाया कि लगभग 30 वर्षों तक इस्तेमाल हुए पुल अब उपयोग योग्य नहीं है. लोगों को इसका उपयोग न करने को कहा गया था.
- प्रशासन ने 8 करोड़ रुपये की लागत से एक नए पुल के निर्माण का प्रस्ताव रखा है. लोक निर्माण विभाग ने टेंडर जारी कर निर्देश जारी कर दिया है. बारिश के बाद काम शुरू होना प्रस्तावित है.
जिला कलेक्टर जितेंद्र डूडी के अनुसार, यह दुखद घटना दोपहर 3:15 बजे हुई और बचाव दल को दोपहर 3:30 बजे सतर्क कर दिया गया. डूडी ने कहा, "कुल 51 लोग घायल हैं और उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है, और चार लोगों की मौत हो गई है. तीन की पहचान चंद्रकांत साल्वे, रोहित माने और विहान माने के रूप में हुई है, और एक पुरुष था, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई."
उन्होंने आगे कहा, "लगभग 250 लोगों की एक टीम तुरंत यहां आ गई. बचाव अभियान शुरू हुआ, और अब तक हमने लगभग 38 लोगों को बचाया है." डूडी ने पुष्टि की कि तलाशी अभियान जारी है, क्योंकि दो लोग अभी भी लापता हैं. सात पीड़ितों को आईसीयू भर्ती किया गया है. जहां छह की हालत खतरे से बाहर बताई गई. जबकि एक की हालत गंभीर है.
डूडी ने स्थान के बारे में पहले से दी गई चेतावनियों को भी स्वीकार करते हुए कहा, "हमने उन सभी जगहों के लिए सलाह और चेतावनी जारी की थी जो पर्यटकों के लिए खतरनाक हैं, और यह एक ऐसी ही जगह थी, लेकिन दुर्भाग्य से, पर्यटकों की संख्या बहुत बढ़ गई. आगे बढ़ते हुए, हम एक टीम बनाकर घटना की जांच करेंगे और अगर प्रशासन दोषी पाया जाता है, तो मैं सुनिश्चित करूँगा कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए."
सरकार को सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट
महाराष्ट्र सरकार को पुणे जिला प्रशासन ने पुल हादसे को लेकर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में रविवार को इंद्रायणी नदी पर बने 33 साल पुराने पुल के ढहने से चार लोगों की मौत और 51 के घायल होने की पुष्टि की गई है. इस घटना में चार मृतकों में से तीन की पहचान हो गई है जबकि एक की पहचान अभी नहीं हो पाई है. मृतकों के नाम चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने (पहचान हो गई है) हैं जबकि एक की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है.
महाराष्ट्र के पुनर्वास राज्य मंत्री मकरंद पाटिल ने कहा, "पुल 30 साल से ज्यादा पुराना था और इसका निर्माण पुणे जिला परिषद ने करवाया था. प्रशासन ने दोनों तरफ बोर्ड लगाकर लोगों से इसका इस्तेमाल न करने की अपील की थी, लेकिन बारिश के दिन मौज-मस्ती करने आए कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल किया.
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