एआई इंजीनियर का प्‍यार ठुकराया तो बना दिया एक्‍स गर्लफ्रेंड का फेक पॉर्न पेज, असम पुलिस ने कैसे पकड़ा गुनाहगार को

डिब्रूगढ़ पुलिस के पास जब एक शिकायत आई तो वह भी हैरान रह गई. लड़के ने जिस एक्‍स गर्लफ्रेंड के नाम पर फेक प्रोफाइल क्रिएट की थी, उसकी अब शादी हो चुकी है.

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  • डिब्रूगढ़ पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर एक फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने वाले आरोपी प्रीतम बोरा को गिरफ्तार किया है.
  • आरोपी ने अपनी पूर्व प्रेमिका की तस्वीरों को एडवांस्ड एआई तकनीक से मॉर्फ कर उसे पॉर्नस्टार के रूप में पेश किया था.
  • यह फेक पेज साल दो हजार बीस में बनाया गया था, लेकिन यह साल दो हजार चौबीस में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
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गुवाहाटी:

हाल ही में सोशल मीडिया पर 'बेबीडॉल आर्ची' इस नाम की प्रोफाइल और तस्‍वीरें तेजी से वायरल हुईं. बाद में पता चला कि यह एक फेक प्रोफाइल थी जिसे बदला लेने के मकसद से बनाया गया था. प्‍यार में ठुकराए एक प्रेमी ने दरअसल अपनी एक्‍स-गलफ्रेंड को बदनाम करने के लिए एडवांस्‍ड एआई टेक्निक की मदद ली और इस अकाउंट को क्रिएट किया था. सिर्फ इतना ही नहीं उसे बदनाम करने के लिए प्रेमी ने फेक अकाउंट के जरिये से उसे अमेरिका में रहने वाली एक उभरती हुई पॉर्नस्टार के तौर पर पेश किया था. 

मॉर्फ फोटोग्राफ्स कर दी वायरल 

डिब्रूगढ़ पुलिस के पास जब एक शिकायत आई तो वह भी हैरान रह गई. लड़के ने जिस एक्‍स गर्लफ्रेंड के नाम पर फेक प्रोफाइल क्रिएट की थी, उसकी अब शादी हो चुकी है. शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया. पुलिस ने इन सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स से कॉन्‍टैक्‍ट भी किया. इसके बाद उसे असम के तिनसुकिया जिले के प्रतीम बोरा तक पहुंचने में सफलता हासिल हुई. प्रतीम ने शनिवार को अपनी एक्‍स गर्लफ्रेंड के अकाउंट्स पर जाकर उसकी फोटोग्राफ्स को मॉर्फ किया और फिर इन्‍हें वायरल कर दिया था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. 

डिब्रूगढ़ पुलिस के पास पिछले शुक्रवार को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी. महिला शादीशुदा है और उसका एक बच्‍चा भी है और शादी के बाद से ही डिब्रूगढ़ में रह रही है. महिला के अनुसार किसी ने उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर मौजूद तस्‍वीरों के साथ छेड़छाड़ की है और उसे एक पॉन स्‍टार के तौर पर बताया है. डिब्रूगढ़ पुलिस की साइबर सेल यूनिट ज‍िसकी अगुवाई एसएसपी सेजल अग्रवाल ने की, उन्‍होंने इस पूरे मामले की जांच की. एसएसपी ने पूरे केस के लिए सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म से भी संपर्क किया. 

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2020 में बना था पेज, अब हुआ वायरल 

पुलिस ने अब पूरे मामले में डिब्रूगढ़ पुलिस स्टेशन केस संख्या 234/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336(4), 356(2), 74, 75, 294 और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. ये धाराएं साइबर उत्पीड़न, मानहानि, अश्लीलता और निजता के हनन सहित कई अपराधों को कवर करती हैं. सेजल अग्रवाल ने कहा, 'हमारी शुरुआती जांच में हमें पता चला कि यह पेज साल 2020 में बना था लेकिन वायरल 2024 में हुआ. पीड़िता को इस पेज के बारे में पता था लेकिन उन्‍हें यह नहीं पता था कि इसे किसने बनाया है. उसने पहले कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई थी.' 

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कैसे पुलिस को मिली जानकारी 

एसएसपी सेजल अग्रवाल के अनुसार पीड़‍िता को शायद सामाज का डर सता रहा था. लेकिन हाल ही में असम की एक लड़की के पॉर्न इंडस्ट्री में शामिल होने की खबरों पर सोशल मीडिया में काफी नाराजगी फैली थी. इसके बाद मीडिया ने उसे मामले की कवरेज शुरू की. पीड़‍िता को इस पूरी घटना से काफी सदमा पहुंचा और फिर उसने शिकायत दर्ज कराने कर फैसला किया. पुलिस ने पेज के बैक-एंड क्रेडेंशियल्स की जांच की और तकनीकी डेटा पर काम किया. इसके बाद जल्द ही एक संदिग्ध व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित किया जो वीपीएन का इस्तेमाल करके एआई-जनरेटेड पोर्न सामग्री अपलोड कर रहा था. 

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पुलिस ने पीड़िता से संदिग्ध के बारे में पूछताछ की, जिसने उन्हें कॉलेज के दिनों में यह बात बताई थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने संदिग्ध की पृष्ठभूमि की जांच की और पाया कि पीड़िता और संदिग्ध प्रीतम बोरा पहले एक रिश्ते में थे. तकनीकी जांच में इस बात पुष्टि हुई कि जो भी मैटेरियल सोशल मीडिया पर अपलोड की सारी सामग्री पूरी तरह से फेक थी. इसका मकसद सिर्फ पीड़‍िता को बदनाम करना था. 

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घर से हुआ गिरफ्तार 

शनिवार रात पुलिस ने प्रीतम बोरा को उसके तिनसुकिया स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया और सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज भी सीज कर लीं. प्रीतम बोरा एक मैकेनिकल इंजीनियर है जो फिलहाल घर से काम कर रहा था और साथ ही वह एआई टूल्स का एक्‍सपर्ट है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी ने छेड़छाड़ की गई तस्वीरें बनाने के लिए मिडजर्नी एआई, डिजायर एआई और ओपनआर्ट एआई सहित एआई-ऑपरेटेड इमेज जनरेशन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया था. 

पुलिस सूत्रों ने आगे बताया कि छेड़छाड़ की गई सामग्री बनाने के अलावा, उसने सामग्री अपलोड करने और प्रसारित करने के लिए कई फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल और जीमेल अकाउंट भी बनाए थे. अग्रवाल ने आगे कहा, 'यह पेज 2020 से चल रहा था और कोई शिकायत नहीं थी, इसलिए बोरा थोड़ा लापरवाह हो गया था. हालांकि उसने बदला लेने के इरादे से यह पेज शुरू किया था, लेकिन जैसे-जैसे पेज लोकप्रिय होता गया, उसने इसके सब्सक्रिप्शन भी बढ़ा दिए, जिससे उसे कमाई भी हो रही थी. इसलिए यह भी उसके इस अपराध को अंजाम देने का एक बड़ा कारण था. हम हर संभव पहलू से जांच कर रहे हैं.' 

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