पाकिस्तान में हुई एक शादी को कैसे एक नाबालिग ने बना रखा था ड्रग्स तस्करी का जरिया, खौफनाक खुलासे

राजस्थान के एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के आईजी विकार कुमार ने बताया कि स्वरूप सिंह ने अपने बेटे को बचपन से ही इस रैकेट से जोड़ा हुआ था. उसे पता था कि वो बच्चे के सहारे ड्रग्स को बगैर किसी रोकटोक के जहां चाहे वहां भिजवा सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
राजस्थान पुलिस ने तीन दशक पुराने रैकेट का किया भंडाफोड़
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • राजस्थान पुलिस ATS और नारकोटिक्स की टीम ने पिता-पुत्र द्वारा चलाए जा रहे ड्रग्स तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया
  • पिता-पुत्र करीब तीस वर्षों से भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रग्स तस्करी का कारोबार चला रहे थे
  • इस गिरोह ने पाकिस्तान में रिश्तेदारों का सहारा लेकर ड्रग्स की खेप लाने के लिए खास कोडवर्ड्स का इस्तेमाल किया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
जयपुर:

पाकिस्तान से भारत में ड्रग्स तस्करी का एक लंबा इतिहास रहा है लेकिन समय दर समय इसके तरीके में बदलाव होता रहा है. अब इस मामले में राजस्थान पुलिस ATS और नारकोटिक्स की संयुक्त टीम ने एक बड़ा खुलासा करते हुए पिता-पुत्र द्वारा चलाए जा रहे एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस के अनुसार ये दोनों कई दशक से इस अवैध कारोबार को चला रहे थे. पुलिस की जांच में पता चला है कि ये गिरोह अपने रैकेट को और बढ़ाने और ड्रग्स की खेप हासिल करने के लिए कई खास कोडवर्ड का भी इस्तेमाल करते थे. पिता-पुत्र का ये गिरोह पाकिस्तान से लेकर राजस्थान और दिल्ली से पंजाब तक फैला हुआ था. कुछ साल पहले जब पिता पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसके नाबालिग बेटे ने इस रैकेट की कमान संभाली और इसे आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों का सहारा भी लिया. 

करीब 30 साल से सिस्टम को चकमा दे रहे थे पिता-पुत्र

पुलिस की जांच में पता चला है कि पिता-पुत्र की ये जोड़ी बीते करीब तीन दशक (यानी तीस सालों) से सिस्टम को चकमा देकर इस रैकेट को देश के अलग-अलग राज्यों तक फैला रहे थे. ये दोनों इस कारोबार को उस समय से सक्रिय रूप से चला रहे थे जब के भारत और पाकिस्तान की सीमा पर कटीले तार तक नहीं लगे थे. उस दौर में दोनों ही तरफ के लोग खेत से होते हुए इस पार उस तरफ जाते थे और वहां से वापस भी आते थे. पुलिस ने पिता-पुत्र की इस जोड़ी को पकड़ने के लिए खास तौर पर ऑपरेशन विषयुगम चलाया था.

सरहद के पार रिश्तेदारी बनी तस्करी का जरिया 

इस रैकेट को सुचारू रूप से चलाने और बगैर किसी के रडार में आए ड्रग्स की तस्करी करने के लिए पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने पाकिस्तान में रहने वाले अपने रिश्तेदारों का भी सहारा भी लिया था. ये उस समय की बात है जब लोग बैगर किसी रोकटोक के इधर से उधर आ जा सकते थे. उस समय भारत और पाकिस्तान के सरहद की इस पार और उस पार लोगों का आना और जाना भी रहता था. उस दौर में शादियां होती थी और लोग मिलने यूं ही बॉर्डर के पार पैदल चलकर पहुंच जाते थे. पुलिस के अनुसार इस रैकेट के पहले आरोपी स्वरूप सिंह है.

जांच में पता चला है कि स्वरूप सिंह की बहन की शादी पाकिस्तान में हुई थी. वह बहन से मिलने के बहाने कई बार पाकिस्तान जाता था. वो किसी ना किसी बहाने से पाकिस्तान जाता रहता था. कई बार तो ऊंट घुमाने के बहाने भी वो अपनी बहन के पास पहुंच जाता था. लेकिन पाकिस्तान जाने के पीछे की वजह थी ड्रग्स की तस्करी करना और भारत में उसके जाल को और फैलाना. 

बेटे को बचपन से ही इस रैकेट से जोड़ा गया

राजस्थान के एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के आईजी विकार कुमार ने बताया कि स्वरूप सिंह ने अपने बेटे को बचपन से ही इस रैकेट से जोड़ा हुआ था. उसे पता था कि वो बच्चे के सहारे ड्रग्स को बगैर किसी रोकटोक के जहां चाहे वहां भिजवा सकता है. पुलिस को कभी बच्चे पर शक नहीं होगा. उसने बहन से मिलने के बहाने एक खास रूट भी तैयार किया था जिसके सहारे वह पाकिस्तान से ड्रग्स की खेप लाता था. सीमा पर बाढ़बंदी के बाद वो अक्सर ऊंट चराने के बहाने सरहद के पास पहुंचता था और वहां उस तरफ से फेंके गए ड्रग्स के पैकेट को उठा लाता था. हालांकि, 1990 के बाद जब सीमा पर बाढ़बंदी हो गई तो इसका असर उसके कारोबार पर भी पड़ा. लेकिन उसने गिरोह के माध्यम से ड्रग्स मंगवाना जारी रखा. 

बहन से बात करने के बहाने ड्रग्स की खेप मंगवाता था

पुलिस की जांच में पता चला कि जब सीमा पर बाढ़बंदी हो गई तो उसने उस तरफ जाना तो बंद कर दिया लेकिन अब उसने अपनी बहन से फोन पर बात करना बढ़ा दिया. दरअसल, वह फोन से बात करने के क्रम में ही कोर्ड वर्ड का इस्तेमाल कर ड्रग्स की अगली खेप की डिलीवरी कब औऱ कहां होगी इसका भी पता लगा लेता था. इसके बाद वह ऊंट चराने के बहाने तय समय पर उस इलाके में होता था जहां पाकिस्तान की तरफ ड्रग्स की डिलीवरी की जाती थी. तीन साल पहले जब आरोपी स्वरूप सिंह को पुलिस ने पकड़ा तो उसके बेटे ने ड्रग्स के इस धंधे को संभाल लिया. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Election 2025: Yogi को माता सीता...Owaisi को फातिमा की याद क्यों आई? | Khabron Ki Khabar