गेहूं ज्यादा खाते हो या चावल? जाति जनगणना में इस बार जुड़े नए सवाल, सरकारी योजनाओं का भी होगा टेस्ट

पहली बार एसिड अटैक विक्टिम की अलग से गिनती  होगी. साथ ही क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल डिजीज, ब्लड डिसआर्डर ये प्रभावित  लोगों की अलग से गिनती की जाएगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
इस बार हाउसिंग सर्वे में खास तौर पर पसंदीदा अनाज का सवाल जोड़ा गया है.

दो साल बाद जाति जनगणना का काम शुरू होगा. इस मुद्दे पर राजनीति जारी है. जाति जनगणना का फ़ैसला मोदी सरकार का है. पर क्रेडिट सब लेने में जुटे हैं. राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा ये हमारी सरकार में शुरू होगा. साल 2027 में यूपी में चुनाव होने है. अखिलेश ने सोशल मीडिया में पोस्ट किया "मतलब जब आयेगी यूपी में पीडीए सरकार, तब ही होगी जातीय जनगणना की शुरुआत"

नई जनगणना का फ़ोकस जातिगत आंकड़ों पर है. लेकिन, हकीकत में यह देश के आर्थिक-सामाजिक विकास का पैमाना भी नापेगी. सरकार की नई योजनाओं की सफलता का लिटमस टेस्ट भी जनगणना के आँकड़ों से तय होंगे.  इसलिए, हाउस लिस्टिंग सर्वे के शेड्यूल में कुछ नए सवाल भी जोड़े गए हैं. जैसे घर-घर जाकर जनगणना  करने वाले  पूछेंगे कि आप कौन सा अनाज ज्यादा खाते हैं?

देश में  लगभग चौदह सालों बाद जनगणना होने जा रही है. इस दौरान जीवन स्तर, सुविधाओं एवं संसाधनों के मायने बदले है. बुनियादी सुविधाओं से जनता को जोड़ने के लिए सरकारों ने बहुत सी योजनाएं शुरू की हैं. इसमें फ्लैगशिप स्कीम  पर ज़्यादा जोर है. जिनका व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद थी. उनकी खास तौर पर सवालों के जरिए परख की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि विभागों की ओर से भी बहुत बार अपनी योजनाओं से जुड़े सवालों को लेकर फीडबैक लिया जाता है, जिससे वह प्रभाव का वास्तविक आकलन कर सके.

Advertisement

बाजरा पसंद है, घर में एलपीजी कनेक्शन है?

इस बार हाउसिंग सर्वे में खास तौर पर पसंदीदा अनाज का सवाल जोड़ा गया है. जनगणना करने वाला पूछेगा कि चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा व मक्का में कौन सा अनाज आप अधिक खाते हैं? इसके अलावा अन्य का भी विकल्प है. नतीजों के आधार पर पसंद एवं विविधता का आकलन कर स्कीम को और प्रभावी बनाया जा सकेगा. पेयजल की सुविधा वाला सवाल  पहले भी जनगणना का हिस्सा था. लेकिन, इस बार यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि कितने लोग पीने के लिए पैकेज्ड वाटर या बोतलबंद पानी का बहुतायत उपयोग करते हैं.

Advertisement

2016 में केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना लॉन्च कर हर घर एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की गई थी. इसकी भी जमीनी हकीकत जानी जाएगी. किचन या किचन न होने दोनों ही स्थिति में एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन होने या न होने का भी सवाल पूछा जाएगा. कनेक्शन के बाद भी कुकिंग के लिए किस ईंधन का इस्तेमाल किया जा रहा, इसका भी डिटेल लिया जाएगा.  टीवी, रेडियो जैसी सुविधाओं की गिनती पहले भी होती थी, इस बार भी जाना जाएगा कि कितने घरों में फ्री डिश, डीटीएच या अन्य केबल कनेक्शन है.

Advertisement

एसिड अटैक पीड़ितों की भी पहचान होगी

हाउस होल्ड सर्वे में भी तमाम सामाजिक सवालों का दायरा इस बार व्यापक किया जा रहा है. पहली बार एसिड अटैक विक्टिम की अलग से गिनती  होगी.  साथ ही क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल डिजीज, ब्लड डिसआर्डर ये प्रभावित  लोगों की अलग से गिनती की जाएगी. इसी तरह विस्थापित लोगों की जनगणना व उसके कारणों में पहली बार प्राकृतिक आपदा को भी जगह दी गई है. यह इसलिए भी अहम है कि जनगणना कोविड की आपदा के बाद हो रही है जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापन की आशंका जताई गई  थी. इस सवाल के जुड़ने से वास्तविक आंकड़े सामने आ सकेंगे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
US में Illegal Immigrants पर बड़ी कार्रवाई, LA में 2000 नेशनल गार्ड तैनात, आंसू गैस के गोले छूटे