रामनवमी पर हिंसा के बाद हिंदू सेना ने JNU के मुख्यद्वार के निकट भगवा झंडे, पोस्टर लगाए

विश्वविद्यालय परिसर में कावेरी छात्रावास के भोजनालय में कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर रविवार को छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई थी. पुलिस का कहना है कि हिंसा में 20 छात्र घायल हो गए थे.

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हिंदू सेना ने चेतावनी दी है कि यदि भगवा का अपमान किया गया, तो कड़े कदम उठाए जाएंगे.
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्रावास में रामनवमी के दौरान कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर हुई हिंसा के करीब एक सप्ताह बाद हिंदू सेना ने विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार के निकट और आस-पास के इलाके में पोस्टर और भगवा झंडे लगाए. उसने यह चेतावनी भी दी कि यदि ‘‘भगवा का अपमान'' किया गया, तो ‘‘कड़े कदम'' उठाए जाएंगे. पुलिस ने कहा कि उसने झंडे और बैनर हटा दिए हैं और संपत्ति को विरूपित करने से संबंधित कृत्य के तहत एक मामला दर्ज किया है.

पुलिस उपाध्यक्ष (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी ने कहा, ‘‘शुक्रवार सुबह यह देखा गया कि जेएनयू के निकटवर्ती इलाकों और सड़क पर कुछ झंडे और बैनर लगाए गए हैं. इन्हें जब्त कर लिया गया और दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 2007 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘जांच के दौरान...अपराध में शामिल तीन लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया और अपराध में इस्तेमाल वाहन को जब्त कर लिया गया है. मामले की आगे की जांच की जा रही है.''

प्रक्रिया में आरोपियों को हिरासत में लेना या गिरफ्तारी शामिल नहीं है. हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने स्वीकार किया कि दक्षिणपंथी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने ‘‘भगवा जेएनयू'' के पोस्टर लगाए. व्हाट्सऐप पर प्रसारित एक वीडियो में गुप्ता कथित रूप से यह कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘‘जेएनयू परिसर में भगवा का नियमित रूप से अपमान किया जा रहा है. हम ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हैं. आप सुधर जाइए. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘हम आपकी विचारधारा और हर धर्म का सम्मान करते हैं. लेकिन भगवा का अपमान सहन नहीं किया जाएगा और हम कड़े कदम उठा सकते हैं.'' हिंदू सेना के एक बयान में कहा कि पुलिस को झंडे उतारने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. संगठन ने कहा, ‘‘ यह आतंकवाद का चिह्न नहीं है, जो पुलिस जल्दबाजी दिखा रही है. भगवा और हिंदुत्व की रक्षा करना कानून के तहत एक अधिकार है.''

कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई की जेएनयू इकाई ने कहा कि जेएनयू धार्मिक बहुसंख्यकवाद का प्रतीक नहीं बनेगा. उसने कहा, ‘‘जेएनयू हमेशा एक समतामूलक, अनेकतावादी, समावेशी, प्रगतिशील, बहुसांस्कृतिक समाज के लिए खड़ा रहेगा, जिसमें लोगों को अपने लिये चुनने का मौलिक अधिकार है. जेएनयू-एनएसयूआई तथाकथित हिंदू सेना द्वारा लगाए पोस्टर और झंडों की कड़ी निंदा करती है.''

उसने कहा कि दिल्ली प्रशासन की मदद से एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार क्षेत्र से इन झंडों को हटावा दिया है. विश्वविद्यालय परिसर में कावेरी छात्रावास के भोजनालय में कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर रविवार को छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई थी. पुलिस का कहना है कि हिंसा में 20 छात्र घायल हो गए थे. बहरहाल, दोनों समूहों ने दावा किया कि दोनों पक्षों के 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

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जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने छात्रों को छात्रावास के भोजनालय में मांसाहारी भोजन करने से रोका और ‘‘हिंसक माहौल पैदा'' किया, लेकिन एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि ‘‘वामपंथियों''' ने रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम को बाधित किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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