हिंदी बोलने वाले सूरीनाम के राष्ट्रपति बॉलीवुड फिल्मों और पुराने गानों के हैं दीवाने, NDTV से की चर्चा

सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने NDTV से कहा, जब जवान था तब रोज बॉलीवुड मूवी देखता था, पुराने फिल्मी गीतों को आत्मा को सुकून देने वाले बताया

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सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने बताया कि उन्होंने फिल्म 'शोले' छह-सात बार देखी है.

नई दिल्ली:

सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी का कहना है कि बॉलीवुड से भारत और सूरीनाम अधिक पास आ सकते हैं. NDTV से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि, ''सूरीनाम में हिंदी भाषा प्रचलित है. हिंदुस्तानी इसी भाषा में घर में, मंदिर में बात करते हैं. लेकिन एक दूसरी भाषा भी है जिसे हम 'सरनामी हिंदी' कहते हैं, यह अधिक व्यापक रूप से बोली जाती है. उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि बॉलीवुड का इसमें महत्वपूर्ण रोल है.'' 

संतोखी से उनकी फेवरेट फिल्म के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि, ''बहुत ईमानदारी से बताऊं, जब मैं और जवान था तब मैं रोज बॉलीवुड मूवी देखता था. फिल्म 'शोले' मैंने छह-सात बार देखी. हर बार एक्साइटेड होता था. उन्होंने कहा कि पुराने गाने मेरे फेवरेट हैं. लता मंगेशकर, मुकेश, रफी, किशोर मुझे बहुत अच्छा अहसास देते हैं. दूसरा संगीत तो आपके शरीर को थिरकाता है, लेकिन वह संगीत आत्मा को सुकून देता है.'' 

उन्होंने कहा कि, ''अपने काम से फुरसत होने के बाद मैं शांति और संगीत पसंद करता हूं. मुझे लता के भजन पसंद हैं. भजन मुझे आध्यात्मिकता की अनुभूति देते हैं. मेरे देश में बॉलीवुड की नई फिल्में और नए एक्टर मेरे देश के लोगों पर अपना प्रभाव जमा रहे हैं.''      

संतोखी ने कहा कि, ''इंदौर में मीटिंग थी, उससे हम लोग और आगे बढ़ सकेंगे. भारत की सरकार ने सूरीनाम में रीजनल ट्रेनिंग सेंटर बनाया है. वहां पर हिंदी भाषा सीख सकते हैं. कल्चरल ट्रेनिंग, रिलीजन ट्रेनिंग वहां पर हो रही है. मेरा विश्वास है कि हम लोगों की भाषा, हमारी परंपरा, हमारे धर्म और आगे बढ़ सकेंगे. यहां जो समाज देखा वह सूरीनाम की जनता के लिए मदद कर सकता है.'' 

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