राम मंदिर उद्धाटन से पहले हिमंता बिस्‍वा सरमा की मुस्लिमों, ईसाइयों से अपील

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में भव्य राम मंदिर उस स्थान पर बन रहा है, जहां 1992 में विध्वंस से पहले विवादित ढांचा था. 16वीं शताब्दी का विवादित ढांचा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सदियों पुराने विवाद के केंद्र में था.

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अयोध्या में राम मंदिर का भव्य अभिषेक समारोह न केवल हिंदुओं की जीत...

गुवाहाटी:

अयोध्‍या में रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा अनुष्‍ठान (Ram Mandir Pran Pratishtha) को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं, इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने मुस्लिम और ईसाई समुदायों से सोमवार को विशेष प्रार्थना आयोजित करने की अपील करते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य अभिषेक समारोह न केवल हिंदुओं की जीत, बल्कि भारतीय सभ्यता की जीत का प्रतीक है.

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "मैं मुसलमानों और ईसाइयों से अपील करता हूं कि वे कल विशेष प्रार्थनाएं आयोजित करें, ताकि हम सभी जातियां और समुदाय शांति से एक साथ रह सकें. यह हिंदुओं की जीत नहीं है, बल्कि भारतीय सभ्यता की जीत है. यह किसी एक धर्म की जीत नहीं है. एक हमलावर ने भारतीय पूजा स्थल को तोड़ दिया.. बाबर एक हमलावर था, उसने सिर्फ हिंदुओं पर हमला नहीं किया... ब्रिटिश उपनिवेशवादियों और बाबर के बीच कोई अंतर नहीं है. बाबर एक विदेशी शक्ति था. 

अयोध्या में भव्य राम मंदिर उस स्थान पर बन रहा है, जहां 1992 में विध्वंस से पहले विवादित ढांचा था. 16वीं शताब्दी का विवादित ढांचा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सदियों पुराने विवाद के केंद्र में था. हिंदुओं का मानना ​​है कि यह स्थान भगवान राम का जन्मस्थान है और मुस्लिम आक्रमणकारियों ने वहां एक मंदिर को तोड़कर विवादित ढांचे का निर्माण किया था. अब ध्वस्त ढांचे के अंदर के शिलालेखों से पता चलता है कि इसे 1528-29 में मुगल सम्राट बाबर के कमांडर मीर बाकी ने बनवाया था.

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दशकों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में विवादित स्थल को राम मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट को सौंप दिया. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए जमीन दे.

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22 जनवरी को अयोध्‍या के राममंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हजारों लोग शामिल होंगे. इस अवसर पर असम में भाजपा सरकार ने कल स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए छुट्टी की घोषणा की है. इनमें निजी संस्थान भी शामिल हैं. सरकारी कर्मचारियों को केंद्र की आधे दिन की छुट्टी के अनुरूप ही असम ने कहा है कि राज्य सरकार के कार्यालय दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहेंगे. राज्य सरकार ने कल शुष्क दिवस भी घोषित किया है. साथ ही कल असम में मछली और मांस की दुकानें शाम 4 बजे तक बंद रहेंगी. वहीं, रेस्तरां में दोपहर 2 बजे तक मांसाहारी चीजें परोसने पर भी रोक रहेगी.

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हिमंता बिस्‍वा सरमा ने कहा, "हम व्यापारिक प्रतिष्ठानों से राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के दौरान दुकानें बंद रखने की अपील करते हैं." राज्य सरकार ने कहा है कि किसी भी सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है.

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