देश की राजनीति में असम सीएम हिंमत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) एक ऐसा नाम हैं, जिसकी चर्चा आए दिनों होती रहती है. इन दिनों देशभर में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) का दौर चल रहा है. ऐसे में कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर बीजेपी अपनी विरोधी पार्टी कांग्रेस को घेर रही है. इन्हीं मुद्दों पर असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एनडीटीवी संग खास बातचीत की. असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने जहां एक तरफ आरक्षण (Reservation) के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा, वहीं कलेक्टिव वोट डिसीजन को वोट जिहाद (Vote Jihad) बताया.
असम सीएम से पूछा गया कि चुनाव से पहले बीजेपी के लिए मुद्दे कुछ और थे, लेकिन चुनाव के दौर में ये मुद्दे किस वजह से बदल गए. जिस पर उन्होंने कहा कि थोड़ी बात बोलनी तो जरूरी है, नहीं तो लोग हमें अंडरस्टीमेट करते हैं. हम जब विकास की बात करते हैं तो लोग सोचते हैं कि इस बार आगे जाके यूसीसी नहीं आएगा, हमने उन्हें डायवर्ट कर दिया. लेकिन हमें उन्हें बताना है कि 2047 का सुनहरा सपना भी होगा और यूसीसी (UCC) भी आएगा. हमने 2047 बोलना शुरू किया तो आप लोग बोलने लगे कि अब यूसीसी नहीं लाया जाएगा, याद दिलाना जरूरी है.
यूसीसी को आरएसएस के हिंदू राष्ट्र का सपना पूरा होने का पहला कदम माना जा रहा है. इस पर असम सीएम ने कहा कि UCC संविधान सभा में बाबा साहेब आंबेडकर ने बोल दिया है, इसमें RSS कहां से आया. गांधी जी ने बोला, वो तो आरएसएस से नहीं थे. संविधान का स्टूडेंट जब संविधान नहीं पढ़ता है तो असल में दिक्कत यहीं से शुरू होती है. बाबा साहेब आंबेडकर ने बोल दिया था कि देश में जब भी अनुकूल वातावरण होगा तब UCC आएगा. संविधान सभा को preside कौन किया राजेंद्र प्रसाद मोहर ने, और मुहर जवाहरलाल नेहरू ने लगाईं. आज नेहरू का पोता जाके बोलेगा कि हम यूसीसी नहीं लाएंगे. वो लोग कांग्रेस को भूल गए लेकिन हम नहीं भूले.
असम सीएम ने कहा कि असम में चुनाव बाद यूसीसी लागू होना चाहिए, तैयारी भी है. इसकी फाइल भी तैयार है. लेकिन देश में लाने की बात है इसलिए मैं थोड़ा धीमे चल रहा हूं. कैबिनेट में भी अप्रूव हो चुका है. उत्तराखंड के साथ तुरंत गुजरात और असम में हम इसके लिए तैयार थे, लेकिन पार्टी ने बोला देखो उत्तराखंड हो गया है, उसका आगे-पीछे देख के ही हम पूरे देश में इसे लागू करेंगे तो फिर हम रुक गए. असल में UCC BJP का एजेंडा नहीं है ये तो कांग्रेस का एजेंडा है. जिस अब हम लागू करने का कोशिश कर रहे हैं.
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