हिमाचल के कई हिस्सों में लंबे इंतजार के बाद Snowfall, कुफरी, फागु और नारकंडा में बर्फबारी के कारण सड़कें अवरुद्ध

शिमला में बुधवार रात को भारी ओलावृष्टि हुई और उसके बाद रुक-रुक कर बारिश हुई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, राज्य में छह राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 240 से अधिक सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं.

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शिमला:

हिमाचल प्रदेश की ऊंची पहाड़ियों और जनजातीय इलाकों में बृहस्पतिवार को मध्यम से भारी बर्फबारी जारी रही जबकि राज्य की राजधानी शिमला में इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई. बर्फबारी से निवासियों, पर्यटकों और किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. शिमला बृहस्पतिवार को बर्फ की पतली चादर में लिपटा दिखा जबकि कुफरी और फागु के बीच पांच किलोमीटर का इलाका पूरी तरह से बर्फ से ढंक गया. ठंड के बावजूद पर्यटक और निवासी बर्फ का आनंद लेने के लिए शहर के मध्य में स्थित माल रोड और रिज पर इकट्ठा हुए.

शिमला में बुधवार रात को भारी ओलावृष्टि हुई और उसके बाद रुक-रुक कर बारिश हुई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, राज्य में छह राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 240 से अधिक सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं और भारी बर्फबारी एवं बारिश के कारण 677 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं. केंद्र ने कहा कि किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति के आदिवासी जिलों में 165 सड़कें अवरुद्ध हैं. कुफरी, फागु और नारकंडा में भारी बर्फबारी के कारण सड़कें अवरुद्ध होने से ढली से आगे शिमला के ऊपरी क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही रुक गई है.

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बृहस्पतिवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि बर्फबारी और सड़क पर फिसलन की स्थिति के कारण ढली में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. उन्होंने कहा कि सड़कों पर जल्द ही यातायात बहाल हो जाएगा. राज्य के 12 में से पांच जिलों में मंगलवार रात से रुक-रुक कर बर्फबारी जारी है और स्थानीय मौसम कार्यालय ने एक फरवरी को पांच जिलों शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति में अलग-अलग स्थानों पर भारी बर्फबारी और बारिश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है. वहीं, तीन और चार फरवरी को आंधी तथा बिजली गिरने के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है.

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भारी बर्फबारी के पूर्वानुमान से किसानों और फल एवं सब्जी उत्पादकों को राहत मिली है जिन्हें लंबे समय तक सूखे के कारण फसल का भारी नुकसान हुआ था. कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि बारिश का मौसम रबी फसलों के लिए फायदेमंद होने की संभावना है. शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम. के. सेठ ने कहा, 'भारी बर्फबारी ने पर्यटन और इससे जुड़े उद्योग को खुश कर दिया है और हम फरवरी में अच्छे पर्यटन की उम्मीद कर रहे हैं. शिमला में सप्ताहांत के दौरान बर्फबारी के कारण पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है.'

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राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नारकंडा, कुफरी, शिमला, मनाली, रोहतांग, सांगला, डलहौजी और खजियार में भी बर्फबारी हो रही है. शिमला जिले के चिड़गांव में 75 सेंटीमीटर बर्फ पड़ी जबकि शिकारी माता में 60 सेमी, कोठी में 50, चांशेल तथा कामरू नाग में 45, मनाली में 37, केलांग में 32, बड़ा बंगाल तथा पराशर झील में 30, तिंदी, पांगी, जोत तथा नौराधार में 25-25, कुकुमसेरी में 18.4, कोकसर में 16.2, खदराला में 16, शिल्लारू में 15 और सांगला में 12.2 सेमी बर्फ पड़ी.

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राज्य के निचली पहाड़ियों वाले इलाके में शीत लहर की स्थिति बनी रही और सुबह के समय कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाया रहा. कुकुमसेरी में सबसे ठंडी रात दर्ज की गई जिसमें न्यूनतम तापमन शून्य से नीचे 3.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. कल्पा में तापमान शून्य से नीचे 2.4 डिग्री, नारकंडा एवं समधो में शून्य से नीचे 2.1 डिग्री, मनाली में शून्य से नीचे 0.1 डिग्री, डलहौजी में 0.9 डिग्री, कुफरी में 0.2 डिग्री और शिमला में तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस रहा.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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