हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के स्वागत के बाद कुल्लू के एसपी और राज्य के मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी आपस में भिड़ गए थे. हिमाचल डीजीपी संजय कुंडू ने ANI को जानकारी दी है कि कुल्लू के पूर्व एसपी गौरव सिंह और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पीएसओ बलवंत सिंह को निलंबित कर दिया गया है. एएसपी बृजेश सूद को जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के स्वागत के लिए भुंतर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा अधिकारी और एसपी कुल्लू गौरव के बीच जोरदार झड़प देखने को मिली थी.गडकरी जब किसानों से मिलने के लिए वाहन से उतरे तो उस दौरान ये घटनाक्रम हुआ. इस दौरान किसानों की ओऱ से कुल्लू के पुलिस अधीक्षक के पक्ष में नारेबाजी भी हुई और इस घटना के वीडियो वायरल (Viral Video) हुए. दोनों के बीच तीखी नोक-झोंक मिनटों में ही सुर्खियां बन गईं थीं
जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur)भुंतर हवाई अड्डा पहुंचे थे. जैसे ही केंद्रीय मंत्री का काफिला भुंतर हवाई अड्डा से बाहर निकलने लगा तो सड़क के किनारे फोरलेन प्रभावित किसान भी मिलने के लिए पहुंचे थे. प्रभावित लोगों को देख नितिन गडकरी ने अपनी गाड़ी को रोका और खुद उतर कर उनसे मिलने पहुंच गए. वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी अपने वाहन से उतरकर उन सभी लोगों से मिलने पहुंचे.
इस दौरान प्रभावित लोगों ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर भी निराशा व्यक्त की और कहा कि उनकी मांगों पर लंबे समय से गौर नहीं किया जा रहा है. इसके चलते उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द उनकी मांगों पर गौर किया जाए. तभी अचानक मुख्यमंत्री की गाड़ी की पिछली साइड सुरक्षाकर्मी और एसपी कुल्लू के बीच झड़प हो गई। इस झड़प को देखते हुए स्थानीय लोगों ने भी एसपी कुल्लू के पक्ष में नारेबाजी करनी शुरू कर दी तथा इस तरह से झड़प के बारे में अपना रोष भी व्यक्त किया.
वीडियो में स्थानीय लोग जहां प्रदेश सरकार का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं तो वहीं एसपी कुल्लू की कार्यप्रणाली से खुश होकर उनके पक्ष में नारेबाजी भी कर रहे हैं. फोरलेन प्रभावित संघ के सदस्यों का कहना है कि सरकार लंबे समय से उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. इसके चलते उन्हें बुधवार को केंद्रीय मंत्री से मिलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. वही फोरलेन किसान संघ के सदस्यों ने भी सरकार के द्वारा किए जा रहे रवैया पर अपनी निराशा व्यक्त की है.