- सियाठी गांव का एक मकान पहाड़ी के ऊपर टिका हुआ था. इस मकान की फोटो काफी वायरल हुई थी.
- ये मकान पूर्व सैनिक जय सिंह का था, जो अपनी पत्नी के इसमें रहते थे. लेकिन 30 जून को बादल फटने के कारण उन्हें अपना मकान छोड़कर जाना पड़ा खा
- इस गांव के केवल चार घरों का ढांचा अब बचा है, बाकी मलबे में तब्दील हो गए. वहीं पहाड़ी पर टिका ये मकान भी अब गिर गया है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर सियाठी गांव के एक मकान की फोटो खूब वायरल हुई थी. फोटो में एक टूटी पहाड़ी पर एक मकान टिका हुआ नजर आ रहा था. NDTV की टीम जब 5 किलोमीटर पैदल चलकर सियाठी गांव पहुंचा तो पता चला कि अब भी भूस्खलन हो रहे हैं. सारे रास्ते कट गए हैं और ये मकान जिस पहाड़ के एक हिस्से पर टिका था वो पहाड़ भी टूटकर नीचे गिर गया है. अब पूरा सियाठी गांव मलबे में बदल चुका है. सिर्फ चार घर का ढांचा बचा है. लेकिन पीछे की मिट्टी पहाड़ के साथ दरक रही है.
पहाड़ पर टिका ये मकान किसका था?
पहाड़ के एक हिस्से में टिका मकान पूर्व सैनिक जय सिंह का था. वो अपनी विकलांग पत्नी के साथ यहां रहते थे. उनके बच्चे दूसरी जगह पर बने मकान पर थे. रात 12 बजे जब सियाठी गांव के लोग एक कुत्ते के रोने और तेज भौंकने से उठे तब जयसिंह भी उठ गए थे. उनकी विकलांग पत्नी को उनके बेटे ने कंधे पर उठाकर सियाठी गांव से ऊपर दो किमी दूर त्रियंबला गांव में पहुंचाया.
त्रियंबला गांव के उप प्रधान प्रिथी वर्मा बताते हैं कि जय सिंह और उनकी पत्नी बाल-बाल बचे. लेकिन 5 जुलाई को हुई बारिश में जयसिंह का पहाड़ी के हिस्से पर बचा मकान भी पहाड़ के मलबे में दब गया. अब जय सिंह अपने एक रिश्तेदार के यहां रहने चले गए हैं.
बता दें कि इस गांव में कुल 20 परिवार रहते थे. सही समय पर इन लोगों ने अपना गांव खाली कर दिया. कुल 67 लोगों ने पास के ही एक गांव के नैना देवी मंदिर में शरण ली है.