किन्नौर में फटा बादल, हिमाचल में मानसून का कहर, 536 सड़कें बंद

किन्नौर के लिप्पा में शुक्रवार सुबह बादल फटा, जिसमें 2 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बादल फटने से आई बाढ़ में कई बगीचे बह गए. सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हुई.

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हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश का कहर लगातार जारी
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  • हिमाचल के किन्नौर जिले के लिप्पा में बादल फटने से आई बाढ़ में दो लोग लापता हुए, जो बाद में सुरक्षित मिले.
  • कांगड़ा जिले के बड़ा बंगाल गांव में रावी नदी की बाढ़ से कई सरकारी भवन और पुल बह गए, जिससे संपर्क कट गया.
  • राज्य के 12 जिलों में से 11 में 536 सड़कें बंद हैं और संचार व बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है.
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किन्नौर:

हिमाचल प्रदेश में किन्नौर के लिप्पा में शुक्रवार सुबह बादल फटा, जिसमें 2 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बादल फटने से आई बाढ़ में कई बगीचे बह गए. सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हुई. बादल फटने के बाद दो लोग भी लापता थे, लेकिन बाद में दोनों सुरक्षित मिल गए हैं. हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश का कहर लगातार जारी है. लगातार जारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन, बाढ़ से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं.

हिमाचल प्रदेश में बृहस्पतिवार को बारिश के कहर के बीच रावी नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण कांगड़ा जिले के सुदूर बड़ा बंगाल गांव में कई सरकारी इमारतें बह गईं. बैजनाथ के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) संकल्प गौतम ने बृहस्पतिवार को पीटीआई से कहा, 'निचले बड़ा बंगाल में मंगलवार को एक प्राथमिक और उच्च विद्यालय, पंचायत घर, एक आयुर्वेदिक औषधालय और एक नागरिक आपूर्ति भंडार बह गए. नागरिक आपूर्ति भंडार में लगभग 70 क्विंटल राशन रखा था. दो पुलों के बह जाने से गांव राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है.' उन्होंने बताया कि संचार व्यवस्था बहुत बुरी तरह प्रभावित हुई है.

बड़ा बंगाल गांव 7,800 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां ऊंचे थमसर और कलिहानी दर्रों से केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है. यह गांव सर्दी के दौरान चार से छह महीने तक राज्य के बाकी हिस्सों से कटा रहता है. एसडीएम ने कहा, 'निचले बड़ा बंगाल में रावी नदी के किनारे स्थित मकानों को एहतियात के तौर पर खाली करा दिया गया है. लगभग 180 क्विंटल राशन गांव पहुंचाया जा रहा है, लेकिन सड़कें अवरुद्ध हैं. जरूरत पड़ने पर हवाई जहाज़ से आवश्यक वस्तुएं और दवाइयां पहुंचाई जाएंगी.'

इस बीच, एक स्थानीय निवासी ने बताया कि गांव के 100 से अधिक चरवाहे अपनी बकरियों, भेड़ों और मवेशियों के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में फंस गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि भारी बारिश के कारण गांव के कई मकान खतरे में पड़ गए हैं. बृहस्पतिवार को चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग, पंडोह के पास कांची मोड़ पर सड़क का एक हिस्सा धंस जाने के बाद अवरुद्ध हो गया, जिसके परिणामस्वरूप, दोनों तरफ कई वाहन फंस गए. अधिकारियों ने बताया कि व्यास नदी का पानी इलाके में घुसने के बाद मनाली की तिब्बती कॉलोनी में फंसे लगभग 130 लोगों को बुधवार देर रात पुलिस ने बचा लिया. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम ने कांगड़ा जिले के इंदौरा में अरनी विश्वविद्यालय परिसर में फंसे लगभग 425 छात्रों और शिक्षकों को बचाया.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य के 12 में से 11 ज़िलों में कुल 536 सड़कें बंद हैं. चंबा जिले में संचार नेटवर्क ठप होने के कारण वहां से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. बंद सड़कों में से 217 मंडी जबकि 167 कुल्लू ज़िले में हैं. एसईओसी ने बताया कि लगभग 1,184 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 503 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं. राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश के बीच, मंडी जिले के पंडोह में बुधवार शाम से 108 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि भरेरी में 63.8 मिलीमीटर, मंडी में 56.8 मिलीमीटर, गोहर में 53 मिलीमीटर, नैना देवी में 36.6 मिलीमीटर और मनाली में 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. शिमला, जुब्बारहट्टी और सुंदरनगर में गरज के साथ बारिश हुई.

एसईओसी के अनुसार, 20 जून से 26 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 158 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 38 लोग लापता हैं. राज्य में अब तक अचानक बाढ़ आने की 90, बादल फटने की 42 और बड़े भूस्खलन की 85 घटनाएं हुई हैं. एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य को 2,623 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. स्थानीय मौसम विभाग ने रविवार तक राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने का अनुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.

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