शिमला. कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal pradesh Assembly Election) के लिए अपने घोषणापत्र (Congress Manifesto) में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट नि:शुल्क बिजली देने, 680 करोड़ रुपये की स्टार्टअप निधि, एक लाख नौकरियों और 18 से 60 साल की महिलाओं के लिए हर महीने 1,500 रुपये देने का वादा किया है.
कांग्रेस ने टैक्सी चालकों को मामूली दरों पर कर्ज देने तथा परमिट की अवधि 10 साल से बढ़ाकर 15 साल करने का वादा किया. घोषणापत्र में पत्रकारों के लिए पेंशन, बंदूक लाइसेंस के लिए शुल्क में कमी और राज्य के कर्ज के बोझ में कमी लाने का भी वादा किया गया.
पार्टी ने यह भी कहा कि वह 12 नवंबर को होने वाला चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ रही है. निर्वाचित विधायकों और पार्टी के आलाकमान से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में निर्णय लेगी. कांग्रेस की चुनाव घोषणा समिति के अध्यक्ष धनीराम शांडिल ने आरोप कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रही है और उसने पांच साल पहले किए गए अपने वादे पूरे नहीं किए.
शांडिल ने कहा, ‘‘यह महज चुनावी घोषणापत्र नहीं है बल्कि हिमाचल प्रदेश के लोगों के विकास तथा कल्याण के लिए तैयार दस्तावेज है.'' छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में घोषणापत्र जारी किया गया. इस मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एसआईसीसी) के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू और एआईसीसी सचिव तेजिंदर पाल बिट्टू तथा मनीष चतरथ भी मौजूद थे.
पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन पर बघेल ने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए लोगों के पैसे को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में लौटाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन उसने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम फिर से केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे और पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन पर कानूनी राय लेंगे.''
पार्टी ने राज्य में मादक पदार्थ की समस्या से निपटने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में मादक पदार्थ रोधी प्रवर्तन एजेंसी स्थापित करने का वादा किया. हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि जयराम ठाकुर सरकार द्वारा अधिकारियों को प्रताड़ित करने के लिए किए गए सभी तबादलों को वापस लिया जाएगा. सेब उत्पादकों के प्रतिनिधित्व के साथ एक कृषि एवं उत्पादक समिति गठित की जाएगी जो फलों एवं फसलों की कीमत पर फैसला करेगी.
बता दें कि कांग्रेस राज्य में सत्ता विरोधी लहर को भुनाने की कोशिश कर रही है और मतदाताओं से भाजपा को सत्ता से बेदखल का अनुरोध कर रही है.
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