हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधानसभा से अयोग्य ठहरा दिए गए विधायक राजिंदर राणा ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि कम से कम 9 और विधायक उनके संपर्क में हैं. राणा ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस दावे को खारिज कर दिया कि कुछ बागी विधायक वापस लौटना चाहते हैं, उन्होंने जोर देकर कहा कि कम से कम नौ पार्टी विधायक उनके संपर्क में हैं. उन्होंने सुक्खू पर अपने बयानों से लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया. राणा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि कोई भी वापस नहीं लौटना चाहता है, दूसरी ओर, कम से कम 9 और विधायक हमारे संपर्क में हैं.
यह पूछे जाने पर कि अगर अभिषेक मनु सिंघवी की जगह सोनिया गांधी चुनाव लड़तीं तो क्रॉस वोटिंग की संभावना होती राणा ने कहा, "उन्होंने देश के लिए बहुत योगदान दिया है और कांग्रेस अध्यक्ष रहीं हैं. अगर वह यहां से लड़तीं, तो यह एक अलग मामला है." एक अन्य अयोग्य कांग्रेस विधायक इंदर दत्त लखनपाल ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को बताया, "कुछ लोग अब हमें विद्रोही या गद्दार कहेंगे. लेकिन हम नहीं हैं. हमने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी. यह हमारा निजी फैसला था."
सीएम सुक्खू ने क्या कहा?
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि कांग्रेस के 80 प्रतिशत लोग एक साथ हैं. और कुछ लोगों कुछ छोटे मुद्दों को लेकर अंसतुष्टि है.उन्होंने दावा किया कि उन्होंने छह अयोग्य विधायकों के साथ चर्चा की और समन्वय समिति के गठन के बाद स्थिति निश्चित रूप से बेहतर होगी. बीजेपी के इस दावे के बारे में कि हिमाचल प्रदेश सरकार गिर सकती है, मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रॉस वोटिंग के बाद बीजेपी के हौंसले बुलंद हैं लेकिन इस तरह की स्थिति दोबारा पैदा नहीं होगी.आगामी लोकसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर सुक्खू ने कहा, "समन्वय समिति के गठन के बाद स्थिति निश्चित रूप से बेहतर होगी. हम पूरी ताकत से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस ने प्रदेश में ईमानदार और पारदर्शी शासन प्रदान किया है.
विधानसभा अध्यक्ष ने 6 विधायकों की सदस्यता खत्म कर दी है
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. विधानसभा अध्यक्ष ने उन कांग्रेस पार्टी की शिकायत के आधार पर उन विधायकों को अयोग्य़ करार दिया जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रोस वोटिंग किया था और विधानसभा में बजट पर मतदान के समय अनुपस्थित रहे थे. अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से एक ने कहा कि वे स्पीकर के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
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