India Stop Indus Water Treaty: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है. इस संधि को स्थगित करने का मतलब है कि भारत से सिंधु नदी के रास्ते पाकिस्तान जाने वाली पानी को रोका जाएगा. पहलगाम हमले के अगले दिन भारत सरकार ने इसकी घोषणा की थी. अब भारत सरकार इस फैसले को लागू करवाने में जुट गई है. इसी कड़ी में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर सिंधु जल संधि पर लिए गए फैसले को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई.
सिंधु का पानी कहां स्टोर होगा... हुई प्लानिंग
इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि सिंधु जल संधि को स्थगित कैसे किया जाएगा? पाकिस्तान जाने वाला पानी यदि भारत में रहेगा तो इसे यहां कैसे संरक्षित किया जाएगा? सिंधु नदी के पानी को कहां स्टोर किया जाएगा?
सिंधु संधि पर फैसला जल्द से जल्द अमल में लाया जाएगा
अमित शाह के घर पर हुई इस बैठक में सिंधु जल संधि पर लिए गए फैसले को जल्द से जल्द अमल में लाने की बात कही गई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में यह फैसला लिया गया है कि एक बूंद भी पानी पाकिस्तान न जाए, इसकी व्यवस्था बनाने की बात कही गई है.
सिंधु जल संधि पर अमित शाह के घर हुई बैठक में क्या लिए गए फैसले
- सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह साफ हो गया कि पाकिस्तान जा रहा सिंधु का पानी तुरंत रोका जाएगा. भारत के इस फैसले का असर पाकिस्तान पर जल्द ही दिखेगा.
- बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि सिंधु का पानी भारत में स्टोर करने के लिए बांधों की क्षमता बढ़ाई जाएगी. आधुनिक तकनीक से बांधों की क्षमता बढ़ाई जाएगी, ताकि ज़्यादा पानी स्टोर हो सके.
- बांध की क्षमता बढ़ाने जाने के लिए बांधों की तलहटी में मौजूद गाद को हटाने जाने पर भी चर्चा हुई. अधिकारियों को बताया गया कि गाद सफाई के जल्द पूरी योजना बनाए.
- साथ ही बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि वर्ल्ड बैंक ने यह संधि कराई थी लिहाजा भारत सरकार के इस फ़ैसले की जानकारी उन्हें भी दे दी जाएगी.
- बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला तीन चरण में लागू होगा. तुरंत, मिड टर्म और लॉंग टर्म.
सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला भारत ने पाकिस्तान को बताया
इससे पहले जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को एक पत्र लिखा. पत्र के माध्यम से उन्होंने औपचारिक रूप से पाकिस्तान को सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने के फैसले के बारे में जानकारी दी.
पाकिस्तान को भेजे पत्र में भारत ने क्या कुछ कहा
पत्र में कहा गया कि यह भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान सरकार को भेजे गए नोटिसों के संदर्भ में है, जिसमें संधि के अनुच्छेद 12 (3) के तहत 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन की मांग की गई थी. नोटिसों में बदलती परिस्थितियों, जैसे जनसंख्या में भारी वृद्धि, स्वच्छ ऊर्जा विकास की आवश्यकता, और जल बंटवारे से जुड़े मूलभूत अनुमानों में बदलाव का जिक्र किया गया है.
भारत का कहना है कि इन कारणों से संधि के विभिन्न अनुच्छेदों और अनुबंधों के तहत दायित्वों की पुन: समीक्षा जरूरी है. पत्र में पाकिस्तान पर संधि का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया है.
इसके अलावा, पाकिस्तान ने संधि के तहत वार्ता शुरू करने के भारत के अनुरोध का जवाब नहीं दिया, जो संधि का पूरी तरह से उल्लंघन है. देवश्री मुखर्जी ने पत्र में स्पष्ट किया कि संधि को निलंबित करने का निर्णय भारत सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है. भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा.
1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता पर हुई थी संधि
उल्लेखनीय है कि सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी, जिसके तहत भारत ने तीन पूर्वी नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार रखा था, जबकि तीन पश्चिमी नदियों का बहाव पाकिस्तान को दिया गया था.
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