हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से अचानक आयी बाढ़ और भूस्खलन से 22 लोगों की मौत, 5 लापता

हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने 25 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश के पूर्वानुमान के कारण भूस्खलन की चेतावनी जारी की है.

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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से सबसे अधिक नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिलों में हुआ है.
शिमला:

हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में एक ही परिवार के आठ सदस्यों सहित कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई. वहीं पांच अन्य लापता बताए जा रहे हैं. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने शनिवार को कहा कि सबसे अधिक नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिलों में हुआ है. राज्य से अब तक 36 मौसम संबंधी घटनाएं हुई हैं.

सुदेश कुमार मोख्ता ने कहा कि मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग सहित 743 सड़कों पर यातायात रोक दी गई है.

वहीं उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि अकेले मंडी में भारी बारिश के कारण आयी अचानक बाढ़ और भूस्खलन में 13 लोगों की मौत हो गई और पांच लापता हो गए. उन्होंने कहा कि गोहर विकास खंड के काशान गांव में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और पुलिस द्वारा चार घंटे के लंबे तलाशी अभियान के बाद एक परिवार के आठ सदस्यों के शव उनके घर के मलबे से निकाले गए. भूस्खलन में मकान पूरी तरह से ढह गया.


अधिकारियों ने बताया कि राज्य के हमीरपुर जिले में आई बाढ़ के बाद फंसे 22 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है. भारी बारिश के कारण सुबह कांगड़ा जिले में चक्की पुल के ढह जाने के बाद जोगिंदर नगर और पठानकोट मार्ग के बीच ट्रेन सेवा रोक दी गई. रेलवे प्राधिकारियों ने पुल को असुरक्षित घोषित किया था.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि प्रशासन प्रभावित जिलों में युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रहा है.

अधिकारियों ने बताया कि चंबा जिले में बारिश के कारण भूस्खलन होने के बाद एक मकान के ढह जाने से तीन लोगों की मौत हो गई. चंबा जिला आपातकालीन अभियान केंद्र (डीईओसी) ने बताया कि चौवारी तहसील के बनेत गांव में शनिवार तड़के करीब साढ़े चार बजे भूस्खलन हुआ, जिसके बाद मकान ढह गया और तीन लोगों की मौत हो गई.

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अधिकारियों ने बताया कि मंडी जिले में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से एक लड़की की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोगों के भी मारे जाने की आशंका है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मंडी में शुक्रवार रात मंडी-कटोला-पराशर मार्ग पर बाघी नाले में एक लड़की का शव उसके घर से करीब आधा किलोमीटर दूर बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि बाढ़ में लड़की के परिवार के पांच सदस्यों के भी बह जाने की सूचना है.

विभाग के अनुसार, बादल फटने के बाद कई परिवारों ने बागी से पुराने कटोला क्षेत्र के बीच स्थित अपने घरों को छोड़ दिया और सुरक्षित स्थानों पर शरण ली.

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अचानक आई बाढ़ और कई जगहों पर भूस्खलन के कारण मंडी जिले की कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि बल्ह, सदर, थुनाग, मंडी और लामाथच में अचानक आई बाढ़ के बाद घरों और दुकानों में पानी घुस जाने के कारण कई ग्रामीण वहां फंस गए हैं, जबकि कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है.

प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में लगातार जारी बारिश के कारण शनिवार को स्कूल बंद रहे. उन्होंने बताया कि सड़क किनारे खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लोग अपने घरों में फंसे हैं.

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अधिकारियों ने बताया कि कांगड़ा में कच्चे मकान के ढह जाने से नौ वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि जिले के लाहर गांव में भूस्खलन के कारण 48 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई, जिसकी पहचान बाल मुकुंद के रूप में की गई है.

हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने 25 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश के पूर्वानुमान के कारण भूस्खलन की चेतावनी जारी की है.

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राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सिरमौर, सोलन, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिलों में अगले तीन-चार दिनों तक बारिश का दौर जारी रहने और कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने का अनुमान है.

मोख्ता ने जिला आपातकालीन संचालन केंद्रों (डीईओसी) को सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश दिया, क्योंकि इस अवधि में भूस्खलन, अचानक बाढ़ आने, बादल फटने, चट्टान गिरने, नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने, खराब दृश्यता और आवश्यक सेवाओं में व्यवधान हो सकती है.

इस बीच, 28 अगस्त तक मध्यम से भारी बारिश के भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर कांगड़ा जिला प्रशासन ने एक परामर्श जारी करके पर्यटकों एवं लोगों को नदियों के पास नहीं जाने की सलाह दी है.

कांगड़ा के उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल ने कहा, 'पर्यटकों और आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे नदियों, नालों और अन्य जल निकायों के पास न जाएं. इसी तरह भूस्खलन की चपेट में आने वाले क्षेत्रों से भी बचा जाना चाहिए.'

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