अप्रैल-जून में हीट वेव का प्रकोप! 23 राज्यों ने निपटने के लिए बनाया एक्शन प्लान, NDMA ने EC को भी दी सलाह

भारतीय मौसम विभाग ने कई राज्यों में 4 से 8 दिनों की सामान्य अवधि के मुकाबले 10 से 20 दिनों तक हीट वेव का अनुमान जताया है.

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IMD ने सामान्य अवधि के मुकाबले इस बार 10 से 20 दिनों तक हीट वेव का अनुमान जताया है. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

देश में इस बार हीट वेव (Heat Wave) का प्रकोप बीते सालों की तुलना में ज्‍यादा होगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) ने अनुमान जताया है कि बीते सालों की तुलना में इस साल औसत से काफी ज्‍यादा गर्मी पड़ने वाली है. विशेषकर ऐसे समय पर जब चुनावी प्रक्रिया जारी है, सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान सैकड़ों जनसभाएं और रोड शो होने वाले हैं. ऐसे में हीट वेव का खतरा बड़ा हो रहा है. इसे लेकर NDTV ने नेशनल डिजास्‍टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (National Disaster Management Authority) के प्रमुख कमल किशोर से बातचीत की. उन्‍होंने बताया कि 23 बेहद संवेदनशील राज्यों ने हीट वेव एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हाल ही में कमल किशोर को डिजास्टर रिस्क रिडक्शन के लिए अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्‍त किया है. 

भारतीय मौसम विभाग ने इस बार कई राज्यों में 4 से 8 दिनों की सामान्य अवधि के मुकाबले 10 से 20 दिनों तक हीट वेव का अनुमान जताया है. अप्रैल में सबसे अधिक हीट वेव वाले राज्यों में गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, इसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं. 

एनडीएमए प्रमुख ने बताया कि हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले 200 शहरों और जिलों में भी हीट वेव एक्‍शन प्‍लान तैयार किया गया है. उन्‍होंने कहा कि तेज गर्मी और हीट वेव  से प्रभावित होने वाले सभी राज्यों में  हीट वेव कंट्रोल रूम स्‍थापित किए गए हैं. 

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अस्‍पतालों, स्‍कूलों और निर्माण कार्यों को लेकर सुझाव 

एनडीएमए प्रमुख ने कहा कि तेज गर्मी का प्रकोप झेलने वाले राज्यों से कहा गया है कि वह अस्पतालों में गर्मी से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयों का जरूरी स्‍टॉक रखें. साथ ही उन्‍होंने कहा क‍ि स्कूल की टाइमिंग में बदलाव जरूरी होगा और जहां-जहां कंस्ट्रक्शन का काम हो रहा है, वहां श्रमिकों के काम के समय में भी बदलाव करना होगा. 

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इस बार हीट वेव का दो कारणों से ज्‍यादा खतरा 

उन्‍होंने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा कि 2023 दुनिया के इतिहास में सबसे गर्म साल रहा है. इस साल भारत में हीट वेव का खतरा ज्यादा बड़ा है और इसकी दो वजह है : पहला जलवायु परिवर्तन और दूसरा अल नीनो की स्थिति, जो अभी सक्रिय है. इसकी वजह से इस बार हीट वेव का प्रकोप अप्रैल और जून में ज्यादा रहेगा.

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गर्मी को लेकर चुनाव आयोग को दी सलाह 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी ने चुनाव आयोग को सलाह दी है कि राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान जनसभाओं और रोड शो की टाइमिंग सोच समझकर तय करनी होगी, जिससे आम लोगों को ज्‍यादा गर्मी में न रहना पड़े. साथ ही चुनावी सभा में पीने का पानी और छायादार स्‍थान सुनिश्चित करना जरूरी होगा. 

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तेज गर्मी के दौरान ये करें उपाय 

साथ ही उन्‍होंने कहा कि आम लोगों को भी तेज गर्मी से बचने के लिए पारिवारिक स्तर पर कई पहल करनी होगी. इसके लिए सलाह देते हुए उन्‍होंने कहा कि हल्‍का भोजन करें, खुद को हाइड्रेटेड रखें, दोपहर 12 से शाम 4 बजे के बीच में बहुत जरूरी हो तभी घर से निकलें और हमेशा सिर को ढक कर रखें.  उन्‍होंने कहा कि हीट वेव से बचने के लिए जन भागीदारी की बेहद जरूरी है. 

2023 दुनिया के इतिहास का सबसे गर्म साल रहा है. अब 2024 में जलवायु परिवर्तन और अल नीलो के कारण 23 राज्यों में हीट वेव चलने की आशंका है. जाहिर है खतरा बड़ा है और भारत सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस खतरे से निपटने के लिए तैयार हीट वेव एक्शन प्लान को कारगर तरीके से जमीन पर लागू करना होगा. 

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