वीडियोकॉन के एजीआर (Adjusted Gross Revenue) का भुगतान करने की केंद्र की मांग के खिलाफ भारती एयरटेल की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. एयरटेल भारत की सबसे बड़ी मोबाइल कैरियर है, का वीडियोकॉन के साथ एक स्पेक्ट्रम समझौता है, इसलिए दूरसंचार विभाग चाहता है कि एयरटेल वीडियोकॉन के बकाया का भुगतान करे. वीडियोकॉन पर सरकार का 1376 करोड़ रुपये बकाया है. एयरटेल ने मार्च 2016 में छह सर्किलों- बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश (पूर्व), यूपी (पश्चिम) और गुजरात में वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशंस के स्वामित्व वाले स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए 4,428 करोड़ रुपये का सौदा किया था.
हालांकि, एयरटेल ने वीडियोकॉन के एजीआर की केंद्र की मांग पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसे कंपनी के पिछले बकाया के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.
इसके बाद टेलीकॉम विभाग कोर्ट में गया. इस साल अप्रैल में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने अदालत के पहले के आदेश के अनुपालन में मांग उठाई थी, लेकिन एयरटेल से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.
सितंबर 2020 में एक सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग दिशानिर्देशों के अनुसार, लाइसेंस के व्यापार से पहले एजीआर बकाया को पूरा करने की आवश्यकता है और यदि विक्रेता भुगतान नहीं कर सका, तो खरीदार को कदम उठाना होगा.
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एयरटेल के इस कदम के बाद, दूरसंचार विभाग ने वीडियोकॉन का बकाया लेने के लिए कंपनी की बैंक गारंटी को भुनाने पर कानूनी विचार किया.