26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान नवरीत की मौत की जांच के लिए दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में गुरुवार को सुनवाई हुई.जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच में इस मामले पर बहस हुई. अदालत ने कहा कि अब 26 फरवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी. अदालत SIT जांच की मांग पर विचार करने को तैयार हो गयी है. साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है. कृषि कानून के विरोध में गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान आइटीओ (ITO) पर ट्रैक्टर पलटने से नवरीत सिंह की मौत हो गयी थी.उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के रहने वाले नवरीत के दादा हरदीप सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि अदालत एसआइटी का गठन करने का निर्देश दे, जो इस मामले की तय सीमा में निष्पक्ष जांच करे.
दिल्ली पुलिस के लिए पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने अदालत में कहा कि हमको दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज को साझा करने में कोई परेशानी नहीं है. साथ ही उन्होंने डिटेल स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा. उन्होंने अदालत में कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. मेरे पास अभी स्टेटस रिपोर्ट नहीं है.सीसीटीवी फुटेज का परीक्षण किया जा रहा है. इस संबंध में एक सामान्य FIR दर्ज हुई है जिसमें और पहलुओं पर भी जांच हो रही है.हमें निर्देश मिला है कि ये मामला यूपी पुलिस के पास था. पोस्टमार्टम और एक्स रे रामपुर में हुआ था.
याचिकाकर्ता 65 साल के नवरीत के दादा हैं, जो लगातार दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते रहे हैं. उन्होंने एसआईटी से इस मामले की जांच करवाने की मांग की है. वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि नवरीत की मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई है, जबकि नवरीत के दादा का आरोप है कि उनके पोते की मौत गोली लगने से हुई थी.
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याचिका में कहा गया है कि चश्मदीदों के अनुसार नवरीत आंध्र एजुकेशन सोसायटी के पास ट्रैक्टर चला रहा था और उसे गोली मारी गई थी. इस कारण ट्रैक्टर पर से उसका नियंत्रण खत्म हो गया और बैरिकेड से टकराने के कारण ट्रैक्टर पलट गया था. जबकि पुलिस ने दावा किया था कि आइटीओ पर प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर पलटने पर उसके नीचे आने से नवरीत की मौत हुई थी. याचिका के अनुसार नवरीत के गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद पुलिस ने उसे तत्काल चिकित्सा सुविधा नहीं उपलब्ध कराई थी.इतना ही नहीं, उसका शव अन्य लोगों ने उसके परिजनों को सौंपा था, जो उसे लेकर उत्तर प्रदेश के रामपुर गए थे.
नवरीत का पोस्टमार्टम भी रामपुर में किया गया, लेकिन रिपोर्ट परिजनों से साझा नहीं की गई थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि जहां पर ये घटना हुई वहां बहुत सारे सीसीटीवी कैमरे थे. लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक फुटेज जारी किया जानबूझकर. इसका मतलब साफ है कि पुलिस जल्दबाजी में कुछ छिपाने के लिए काम कर रही थी
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