कोरोना वारियर्स के लिए 24 अप्रैल से नई विशेष स्वास्थ्य बीमा योजना

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया ऐलान, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मांग की है कि पुरानी बीमा योजना की अवधि 6 महीने और आगे बढ़ाई जाए

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

Coronavirus: स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया है कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे करीब 22 लाख डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों के लिए 24 अप्रैल 2021 के बाद एक नई विशेष स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की जाएगी. इससे पहले भारत सरकार ने 26 मार्च, 2020 को सभी हेल्थ वर्करों को 50 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस कवर देने की योजना शुरू की थी जो 24 अप्रैल को बंद हो रही है. इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मांग की है कि पुरानी बीमा योजना की अवधि 6 महीने और आगे बढ़ाई जाए. उसे लागू करने में आ रही प्रशासनिक अड़चनों की वजह से कई कोरोना के शिकार डॉक्टरों के परिवारों को राहत राशि नहीं मिल पाई है.  

करीब एक साल पहले नेशनल लॉकडाउन लगने के दो दिन बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे करीब 22 लाख सफाई कर्मचारियों, आशा वर्करों से लेकर डॉक्टरों तक के लिए 50 लाख के स्पेशल हेल्थ इंश्योरेंस पैकेज का ऐलान किया था. अब ये विशेष बिमा योजना 24 अप्रैल को ख़त्म हो रही है.

इस पर उठ रहे सवालों पर स्पष्टीकरण देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोरोना वारियर हैल्थवर्करों के लिए इस विशेष स्वास्थ्य बीमा योजना की अवधि तीन बार बढ़ाकर 24 अप्रैल 2021 तक की गई है. इसके तहत कोई हादसा होने पर 50-लाख का बीमा कवर देने का प्रावधान है. इस योजना के तहत इंश्योरेंस कंपनी ने अब तक 287 क्लेम्स की पेमेंट किया है. 24 अप्रैल के बाद कोरोना वारियर्स के लिए एक नई इंश्योंरेंस पालिसी शुरू की जाएगी. इस दिशा में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय बात कर रहा है.

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इस बीच स्वस्थ्य सचिव राजेश भूषण को लिखी एक चिठ्ठी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जेए जयालाल ने कोरोना वारियर्स के लिए मौजूदा बीमा योजना की ही अवधि 6 महीने बढ़ाने की मांग की है और कहा है कि इस योजना को लागू करने में आ रही खामियों और अड़चनों को दूर कर सभी कोरोना के शिकार डॉक्टरों के परिवारों को तय राहत राशि मुहैया कराई जाए.

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जेए जयालाल ने 19 अप्रैल की अपनी चिट्ठी में केंद्रीय स्वस्थ्य सचिव को लिखा है कि कठिन नियमों और प्रशासनिक असंवेदनशीलता की वजह से ये दुखद है कि कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी जान गंवाने देने वाले 756 मॉडर्न मेडिसिन के डॉक्टरों में से सिर्फ 168 के परिवारों को ही इस विशेष बीमा
योजना का फायदा मिल पाया है. अब तक देश में कुल 287 हैल्थ प्रोफेशनल्स को ही इसका लाभ मिला है.

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डॉ जयेश लेले, आनरेरी जनरल सेक्रेटरी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने NDTV से कहा, " भारत में कोरोना के नए मामले पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा हो गए हैं. महामारी फैलती जा रही है. हमारे पास बेड नहीं हैं, ऑक्सीजन नहीं है. डॉक्टरों का मोरल डाउन हो गया है. अगर सरकार का यही रवैया रहा तो ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण होगा."

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अब देखना होगा कि कोरोना के खिलाफ जंग में मरीजों को बचाने की जद्दोजहद में अपनी जान की क़ुरबानी देने वाले
इन मेडिकल योद्धाओं के परिवारों को राहत दिलाने के लिए सरकार कितनी जल्दी पहल करती है. 

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