पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास में सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर घुसने वाले शख्स ने सोमवार को पुलिस को बताया कि उसे लगा था कि ये परिसर कोलकाता पुलिस का मुख्यालय है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 30-32 साल का आरोपी हाफिजुल मुल्ला उत्तर 24 परगना जिले के हसनाबाद का निवासी है. हालांकि, वह स्पष्ट रूप से यह नहीं बता सका कि उसे रात में कोलकाता पुलिस मुख्यालय जाने की आवश्यकता क्यों थी.
पुलिस ने कहा कि आरोपी एक दीवार पर चढ़कर हरीश चटर्जी स्ट्रीट स्थित बनर्जी के आवास में शनिवार देर रात करीब एक बजे घुसा और सुबह तक वहीं छिपा रहा. रविवार सुबह करीब आठ बजे सुरक्षाकर्मियों की नजर उस पर पड़ी, जिसके बाद उन्होंने कालीघाट पुलिस थाने को इसकी सूचना दी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस अधिकारी ने बताया, 'शुरुआती पूछताछ के दौरान उस व्यक्ति ने कहा कि उसने मुख्यमंत्री के आवास को लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय समझ लिया और परिसर में घुस गया. लेकिन जब उससे पूछा गया कि वह उस समय पुलिस मुख्यालय क्यों जाना चाहता था तो वह कोई उचित जवाब नहीं दे सका.'
उन्होंने कहा कि मुल्ला ने पूछताछ के दौरान पहले फल विक्रेता और फिर ड्राइवर होने का दावा किया. पुलिस ने कहा कि आरोपी मानसिक रोगी जान पड़ता है. कालीघाट पहुंचने से पहले आरोपी कहां-कहां से गुजरा था, अधिकारी इसका पता लगा रहे हैं.
पुलिस ने मुल्ला पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 458 के तहत मामला दर्ज किया है और उसे 11 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. आईपीसी की धारा 458 किसी व्यक्ति पर हमला करने, नुकसान पहुंचाने या अपराध के इरादे से रात में छिपकर घर में घुसने से संबंधित है.
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने सोमवार को राज्य सचिवालय में बैठक की और बनर्जी की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. इस घटना से सुरक्षा को लेकर आशंका पैदा हो गई और इस बारे में सवाल उठाए गए कि कैसे वह व्यक्ति 'जेड-प्लस' श्रेणी के सुरक्षा घेरे को पार करते हुए ममता बनर्जी के निजी आवास परिसर में घुसा और रात भर वहीं रहा, जबकि किसी को इसका पता तक नहीं चला.