स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इन्फ्राटेल (तीनों अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनियां) के बैंक खातों को 'फ्रॉड' की श्रेणी में रखा गया है. इससे मामले की सीबीआई जांच की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं.हाईकोर्ट ने एसबीआई से कहा कि वह अनिल अंबानी की कंपनियों- आरकॉम, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल के खातों पर यथास्थिति बनाए रखे, जिन्हें बैंकों ने धोखाधड़ी वाले खातों के रूप में घोषित किया है. जस्टिस प्रतीक जालान ने तीन कंपनियों के तत्कालीन निदेशकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को यह फैसला दिया.
लोकपाल को अप्रैल से दिसंबर 2020 के बीच मिलीं 89 शिकायतें, इसमें तीन थीं सांसदों के खिलाफ..
याचिका में बैंकों द्वारा किसी खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2016 के परिपत्र को चुनौती दी गई थी. इसके अनुसार, परिपत्र ने बैंकों को खाताधारक को कोई पूर्व सूचना या जानकारी दिए बिना खातों को धोखाधड़ी के रूप में घोषित करने की अनुमति दी है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है. उनके वकीलों ने अदालत को बताया कि इस परिपत्र के खिलाफ 2019 के बाद से ऐसी ही कई याचिकाएं दायर की गई हैं और उन मामलों में याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट ने राहत दी.
PMC बैंक धनशोधन मामले में ED ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को फिर तलब किया
इसके बाद जस्टिस जालान ने भारतीय स्टेट बैंक को निर्देश दिया कि वह तीन कंपनियों के खातों के संबंध में ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक यथास्थिति बनाए रखें.'' कोर्ट ने कहा कि आरबीआई और तीन कंपनियों सहित प्रतिवादी 11 जनवरी अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं और मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी. (भाषा से भी इनपुट)
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी