ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट बृहस्पतिवार को अडाणी समूह के समर्थन में आगे आए. उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी और उनकी कंपनी के लिए उनके मन में बहुत अधिक सम्मान है.
एबॉट को उनके देश में अडाणी समूह की कोयला खदान परियोजनाओं का समर्थक माना जाता है. उन्होंने 2015 में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में अडाणी समूह की कारमाइकल कोयला खदान परियोजना के खिलाफ एक अदालत के फैसले की निंदा की थी.
उन्होंने कहा कि संबंधित नियामक समूह पर लगे आरोपों के संबंध में ‘अपना काम करेंगे.'
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर शेयर की कीमतों में हेराफेरी करने और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. अडाणी समूह ने इन आरोपों से इनकार किया है, हालांकि इसके बावजूद उसकी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट हुई.
एबॉट ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘अडाणी और उनके समूह के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है.''
उन्होंने कहा कि अडाणी की कारमाइकल खदानों से उत्पादित कोयला ‘निश्चित रूप से भारत में विद्युतीकरण को बढ़ावा देगा.'
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अडाणी खदान के पक्ष में हूं. मैं अडाणी और उनकी टीम को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भारतीयों को बिजली और ऑस्ट्रेलिया को रोजगार और समृद्धि देने के लिए बहुत कुछ किया.''