"जनसैलाब, भीषण गर्मी, अव्यवस्था, बाहर निकलने का संकरा रास्ता...", चश्मदीदों ने बताई हाथरस हादसे की दर्दनाक कहानी

सत्संग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर भी आक्रोश जताया है. लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में लाशों का ढेर पड़ा हुआ है, लेकिन एक भी डॉक्टर किसी का भी उपचार करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं.

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras of Uttar Pradesh) में भोले बाबा के सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 116 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. हाथरस के सिंकदाराऊ से 5 किमी दूर एटा रोड पर सत्संग का यह टेंट लगा था. खुले खेत में करीब 100 बीघे में सत्संग का आयोजन किया गया था. भगदड़ के बाद यहां मौत का मातम पसरा हुआ है. टाट-पट्टी बिखरी पड़ी है. चारों तरफ सन्नाटा है. कुछ देर पहले वहां क्या हुआ होगा, उसकी गवाही चारों तरफ बिखरा लोगों का सामान दे रहा है. आखिर भगदड़ कैसे हुई.

टेंट को देखने पर एंट्री और एग्जिट गेट पर शक होता है. अंदर जाने और निकलने के लिए बहुत छोटा रास्ता बनाया गया था. बताया जा रहा है भगदड़ की वजह गर्मी, उमस और घुटन है. बंद टेंट में लोगों ने बाहर आना शुरू किया और फिर भगदड़ मच गई.

महिला ने बताया कैसे हुआ हादसा? 
सत्संग में हिस्सा लेने पहुंची एक महिला ने बताया, “हम कई लोगें के साथ एक गाड़ी में सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे थे. लेकिन अब हमें पता नहीं है कि कुल कितने थे, लेकिन मैं एक बात कह सकती हूं कि हमारे साथ कई लोग थे. सभी एक-दूसरे पर चढ़ रहे थे. एक दूसरे को धक्का दे रहे थे, जिसमें कई लोग दब गए. सत्संग समाप्त होने के बाद जब हम जा रहे थे, तभी लोग एक दूसरे को धक्का देने लगे. एक-दूसरे को कुचलने लगे.“

वहीं, सत्संग में हिस्सा लेने पहुंची ज्योति नाम की युवती ने भी वहां की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, “हम कई लोगों के साथ सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे थे. वहां बहुत सारे लोग थे. शुरू में तो सब कुछ ठीक ही था, लेकिन सत्संग समाप्त होने के बाद सभी लोग एक दूसरे पर चढ़ गए. पता ही नहीं चला कि ये सब कैसे हो गया. हमें बाहर निकलने की जगह ही नहीं मिल पा रही थी. सत्संग में कई लोग शामिल थे, जिसमें कइयों की मौत हो चुकी है.“

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अस्पताल में अव्यवस्था से लोग हुए आक्रोशित
सत्संग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर भी आक्रोश जताया है. लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में लाशों का ढेर पड़ा हुआ है, लेकिन एक भी डॉक्टर किसी का भी उपचार करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. अस्पताल में महज एक ही डॉक्टर है. लोगों ने अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह सब कुछ हआ. कल रात से ही रोड पर जाम लगा हुआ था. पुलिस ने वो जाम खुलवा दिया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. लोगों ने कहा कि अस्पताल में लाशों का ढेर लग चुका है, लेकिन अस्पताल में एक ही डॉक्टर है.

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लोगों ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन तक नहीं है. ऐसे में यह कैसे किसी का उपचार कर सकेंगे. पुलिस से लेकर चिकित्सक से जुड़े सभी अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं. हमारी बात कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है.

घटना को लेकर पुलिस ने क्या बताया? 
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने मीडिया को बताया, “सिकंदराराऊ के पास हाथरस जनपद स्थित एक गांव में सत्संग हो रहा था, जिसमें भगदड़ मच जाने से कई लोगों को मौत हो गई. वहीं कई घायल हो गए. सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वहां भोलेबाला का सत्संग चल रहा था, जिसमें कई लोग हिस्सा लेने पहुंचे थे. सूचना मिली कि भगदड़ मचने से यह हादसा हुआ. यह बहुत दुखद घटना है.“

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इस हादसे पर सीएम योगी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचा कर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.

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