हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद हुए हादसे ने देशभर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई है. यहां नारायण साकार उर्फ भोले बाबा का सत्संग आयोजित किया गया था. उत्तर प्रदेश में भोले बाबा के कई लोग अनुयायी हैं और उनके सत्सगों में शामिल होने जाते हैं. इसके अलावा दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी भोले बाबा के कई अनुयायी हैं. ऐसे में भोले बाबा के हाथरस में सत्संग की घटना से पहले भी वह कोरोनाकाल के अपने एक कारनामें के कारण चर्चाओं में रह चुके हैं.
कोरोना काल में भी भोले बाबा के सत्संग में पहुंचे थे 50 हजार लोग
जी हां, बता दें कि 2021 में कोरोना के वक्त भोले बाबा ने एक सत्संग का आयोजन किया था, जिसमें 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे, जब्कि सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक उस वक्त किसी भी समारोह में केवल 50 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत प्राप्त थी. बाबा के इस सत्संग का आयोजन फर्रूखाबाद में किया गया था. जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत दी थी लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50 हजार से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए थे. फ़र्रुख़ाबाद में उमड़ी भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. उस समय भी जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.
हाथरस हादसे की प्रमुख बातें
- जीटी रोड के किनारे डेढ़ सौ बीघा क्षेत्रफल में साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग का आयोजन किया गया था.
- कीचड़ और फिसलन भरी जमीन के कारण अनुयायी एक के ऊपर एक गिरते चले गए और भगदड़ ने बड़े हादसे का रूप ले लिया.
- सत्संग के आयोजगों के खिलाफ पुलिस ने मामला किया दर्ज.
हाथरस की घटना के बाद बागेश्वर वाले बाबा ने अनुयायियों से की ये अपील
बागेश्वर वाले बाबा भी 4 जुलाई को एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने वाले थे लेकिन कल की हाथरस की घटना के बाद बाबा ने वीडियो संदेश में अपने समर्थकों से अपने घर रहकर पूजा पाठ करने की अपील की है. बागेश्वर वाले बाबा ने कहा कि भीड़ ज़्यादा होने की वजह से वो अपने अनुयायियों से अपील कर रहे हैं कि वो कार्यक्रम में ना आएं.
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