सेवादार से लेकर मरने वाले तक सब बाबा के, वो जल्द आएंगे सबके सामने: हाथरस हादसे में वकील का दावा

हाथरस भगदड़ में भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा, "पुलिस बाबा को जब बुलाएगी, वह सामने आएंगे. SIT इस पूरे मामले की जांच कर रही है और हमें जांच पर पूरा भरोसा है. बाबा अपनी पेंशन से अपने खर्चे चलाते हैं. यहां चंदा तक लेने की व्यवस्था नहीं है."

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बाबा के सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की परमिशन थी, लेकिन ढाई लाख से ज्यादा भीड़ जुट गई.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस की जांच जारी है. पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी सत्संग का आयोजनकर्ता मधुकर प्रकाश फरार है. उस पर पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा है. लेकिन जिस बाबा के पैरों की धूल लेने के चक्कर में 121 लोगों की जान गई, वो हादसे के बाद से गायब है. इस बीच भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने शुक्रवार को कहा, "बाबा कहीं नहीं भागे हैं. वो बहुत जल्द सामने आएंगे. बाबा जांच टीमों की भी मदद करेंगे." 

बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा, "पुलिस बाबा को जब बुलाएगी, वह सामने आएंगे. SIT इस पूरे मामले की जांच कर रही है और हमें जांच पर पूरा भरोसा है. बाबा अपनी पेंशन से अपने खर्चे चलाते हैं. यहां चंदा तक लेने की व्यवस्था नहीं है." इसके साथ ही उन्होंने यह दावा किया कि बाबा का कोई आश्रम नहीं है.

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परमिशन 80 हजार की पहुंच गए ढाई लाख लोग
बाबा के सत्संग में हुई भारी भीड़ के बारे में पूछे गए सवाल पर एपी सिंह ने कहा, "सत्संग में बहुत सारे लोग थे, क्योंकि फरवरी से जून तक कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था."

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बाबा के सत्संग के लिए आयोजनकर्ताओं ने प्रशासन से 80 हजार लोगों की परमिशन ली थी. लेकिन देखते-देखते ढाई लाख लोगों की भीड़ जुट गई. इतनी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कोई सिस्टम नहीं था. उनके लिए न पानी था और न पंखे का इंतजाम. हॉल का एंट्री गेट एक ही था. एग्जिट पॉइंट भी एक ही था. कोई इमरजेंसी एग्जिट नहीं था. सत्संग जैसे आयोजनों में मेडिकल हेल्प और एंबुलेंस का इंतजाम करना जरूरी होता है. लेकिन बाबा के सत्संग में ये इंतजाम भी नहीं था.

बाबा ने मेरे जरिए भेजा मैसेज
एपी सिंह ने गुरुवार को अलीगढ़ के दीनदयाल हॉस्पिटल में पहुंचकर घायलों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी. मीडिया से उन्होंने कहा था, "बाबा कहीं भागे नहीं हैं, वह जांच में सहयोग कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश में ही हैं. मेरे जरिए बाबा से अपना संदेश भेजा है और मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट की है."

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बाबा को कानून पर पूरा भरोसा
एपी सिंह ने कहा कि बाबा को कानून पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा, "हम लोग कानून में विश्वास रखते हैं. सेवादार से लेकर मरने वाले सब बाबा के हैं. लेकिन मारने वाले कौन हैं, इसका पता करना है. सनातन को मानने वाले लोग अपने धर्म गुरुओं के पास ही जाते हैं. हमें सरकार, कानून, मीडिया पर पूरा भरोसा है. हम मीडिया से भी सहयोग करने की अपील करते हैं."

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नारायण साकार हरि का ट्रस्ट पीड़ितों की करेगा मदद
बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा, "हमारे पास पीड़ितों की जिलेवार लिस्ट है. नारायण साकार हरि का ट्रस्ट भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों के बच्चों की पढ़ाई, इलाज और शादी का खर्चा उठाएगा. हम उनकी हर जरूरत का ख्याल रखेंगे."

मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर का चल रहा इलाज
वकील ने मामले के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा, "वह भगदड़ में घायल हो गए थे. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. जैसे ही वह ठीक हो जाएंगे, उन्हें SIT के सामने पेश किया जाएगा."

2 जुलाई को बाबा के सत्संग में मची थी भगदड़
हाथरस के सिकंदरराऊ में फुलराई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई को भोले बाबा का सत्संग था. सत्संग के बाद लोगों में प्रसाद स्वरूप बाबा के पैरों के निशान छूने और गाड़ी के टायर के नीचे की धूल लेने की होड़ मची. इस दौरान सेवादारों ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए डंडे चला दिए. वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. बचने-बचाने के चक्कर में लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. 

खुले खेतों की तरफ दौड़ पड़ी थी भीड़
ज्यादातर लोग पैरों तले कुचल गए. बचने के लिए कुछ लोग खुले खेत की तरफ दौड़ पड़े थे और फिसल गए. भीड़ उनके ऊपर से गुजर गई. भगदड़ में 114 महिलाओं समेत 121 लोगों की जान गई है. 100 से ज्यादा घायल हुए हैं. इतनी मौत के बाद से भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है.

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भगदड़ मचते ही बाबा निकल गए मैनपुरी आश्रम
रिपोर्ट के मुताबिक, भगदड़ मचते ही बाबा अपने खास चेलों और सेवादारों के साथ हाथरस से निकल गए. वो मैनपुरी के बिछुवा स्थित अपने आश्रम पहुंचे. ऐसी रिपोर्ट है कि बाबा इसी आश्रम में अंडग्राउंड है. लेकिन रसूख के चलते पुलिस उसे अरेस्ट नहीं कर रही है.

पश्चिम यूपी के 26 जिलों की दलित आबादी पर बाबा की पकड़
बाबा की पकड़ पश्चिम यूपी के 26 जिलों की दलित आबादी पर है. ज्यादातर SC/ST और OBC समुदाय के लोग बाबा के अनुयायी हैं. मुस्लिम अनुयायियों की तादाद भी अच्छी-खासी है. अनुयायियों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है. कुछ राजनीतिक दलों के नेता भी बाबा के सत्संग में जाते हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव इसमें शामिल हैं.

अब तक 90 लोगों के बयान दर्ज 
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले की जांच के लिए SIT बनाई है. SIT के हेड अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को कहा कि हाथरस भगदड़ की जांच कर रही टीम ने अब तक 90 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से, जुटाए गए सबूत कार्यक्रम के आयोजकों की ओर से दोषी होने का इशारा करते हैं."

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