5 स्टार होटल जितना आलीशान आश्रम लग्जरी गाड़ियां, 100 करोड़ की संपत्ति; आखिर बाबा कैसे बना धनकुबेर

बाबा के पांच जिलों में भव्य आश्रम है और इनके ट्रस्ट के नाम पर करोड़ों की जमीन भी है. ये आश्रम कासगंज, मैनपुरी, आगरा, कानपुर और ग्वालियर में हैं. इनकी चल अचल संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा की आंकी जा रही है.

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बाबा के सत्संग में उजड़े कई परिवार
नई दिल्ली:

हाथरस सत्संग में हुई भगदड़ ने कई घरों को उजाड़ दिया. इस भयानक हादसे का मंजर देख हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए. लोग अपने घर के सदस्यों को ढूंढने के लिए लाशों के ढेर में कफन उठाकर चेहरे देख रहे थे.हाथरस सत्संग हादसे ने लोगों को ऐसा जख्म दिया है, जो शायद ही जिंदगीभर भर सके. जिस बाबा का सत्संग लोगों के लिए मौत का मैदान बन गया, अब देशभर में उसकी बाबा की चर्चा हो रही है. इस हादसे के बाद भोले बाबा से जुड़े खुलासे हो रहे हैं, जिनके बारे में सुनकर हर कोई दंग रह जा रहा है. बाबा भोले के आध्यात्मिक संसार से कहीं ज्यादा गहरा उसका रहस्यमयी आर्थिक साम्राज्य है.

कई जिलों में बाबा के आश्रम, इतनी संपत्ति के मालिक

बाबा के पांच जिलों में भव्य आश्रम है और इनके ट्रस्ट के नाम पर करोड़ों की जमीन भी है. ये आश्रम कासगंज, मैनपुरी, आगरा, कानपुर और ग्वालियर में बड़े आश्रम हैं. इनकी चल अचल संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा की आंकी जा रही है. अकेले मैनपुरी के बिछवां आश्रम की जमीन की कीमत ही चार करोड़ के आसपास है. सूत्रों के मुताबिक विनोद नाम के सेवादार ने इतनी कीमती जमीन बाबा भोले के ट्रस्ट को दान में दे दी. अब राजस्व विभाग इस जमीन की जांच कर रही है. आश्रम के सामने करीब 50 बीघे जमीन को भी बाबा भोले ने लीज पर ले रखी है.

करोड़ों में बना बाबा का आश्रम कितना आलीशान

बिछवां की इस जमीन पर 8 साल पहले करोड़ों की लागत से किलेनुमा एक भव्य आश्रम खड़ा किया गया है. इस आश्रम में दर्जनों लग्जरी गाड़ियां खड़ी है और यही बीते डेढ़ साल से बाबा भोले अपने आलीशान कमरे में रहते हैं. ये आलीशान इमारत आश्रम के सबसे भीतरी परिसर में है. जहां तक जाने के लिए सेवादारों के कक्ष से गुजरना पड़ता है. इसी तरह बहादुर नगर का आश्रम करीब चालीस बीघे में फैला हुआ है और कई धर्मशालाएं भी बनाई गई है. सालभर पहले बाबा भोले ट्रस्ट के नाम पर जमीन खरीदने यहां गए थे. वो इस आश्रम में बीते 12 साल से नहीं गए हैं.

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बाबा के भक्तों के नाम पर खरीदी गई दर्जनों गाड़ियां

आश्रम में एक आलीशान इमारत बनी है, उसके गेट पर ताला जड़ा है और चार गार्ड इसकी सुरक्षा में तैनात है. प्रताप सिंह नाम के गार्ड से जब एनडीटीवी ने पूछा इसके अंदर क्या बना है जो इतनी सुरक्षा की जा रही है तो उसने कहा कि उसे नहीं मालूम है क्योंकि कई साल से यहां ताला लगा है. कोई भी अंदर नहीं जा सकता है. बाबा भोले का आर्थिक सामराज्य उसके आध्यात्मिक संसार से कही ज्यादा रहस्यमयी और आलीशान है. इसके अलावा नारायण साकार हरि चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों बीघा जमीन खरीदने की बात सामने आई है. ये भी पता चला है कि भोले बाबा के भक्तों के नाम पर करीब दर्जनों लग्जरी गाड़ियां भी खरीदी गई है.

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आखिर बाबा के पास कहां से आई इतनी संपत्ति

करीब 40 बीघे में फैले नारायण साकार हरि धाम बहादुर नगर में पहुंचने पर एक बोर्ड लगा है कि यहां कि वीडियोग्राफी  मना है. साथ ही ये भी लिखा है कि नारायण साकार हरि धाम किसी प्रकार का धन, दौलत, चंदा चढ़ावा नहीं लेता है. लेकिन खाने के और ये दिखाने के दांत है. करीब चालीस बीघे में फैले इस आलीशान आश्रम के हर एक दीवार पर चंदा देने वालों के नाम लिखे मिलेंगे... बाबा भोले ने 2007 से भक्तों से 100 बोरी सीमेंट से लेकर ईंटा, गाड़ियां और आश्रम बनवाने के लिए नगद पैसा चंदे के तौर पर लेना शुरु किया....और आज सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के संपत्ति का मालिक बन बैठा है.

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