सुदर्शन चक्र के बाद अब उल्लू की आंख का काजल, हाथरस के बाबा का रहस्यलोक ऐसे हो रहा उजागर

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा खुद के पास सुदर्शन चक्र होने का दावा करता है. वह खुद को विष्णु का अवतार बताता है, जो प्रलय भी ला सकता है. यही नहीं सत्संग में बाबा एडिटिंग करके हाथ के पास चक्र भी घुमा कर भी दिखाता था.

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सुदर्शन चक्र के बाद अब उल्लू की आंख का काजल, हाथरस के बाबा का रहस्यलोक ऐसे हो रहा उजागर
हाथरस वाले बाबा के रहस्यलोक की कहानी, अब हो रही है उजागर

"नारायण हरि ब्रह्मांड रचैया!! चक्र सुदर्शन धारी हैं..." ये भजन नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के भक्तों ने उसके लिए बनाया है. हाथरस के सत्संग में 121 लोगों की जान जाने के बाद इस बाबा को लेकर रोज नित-नए खुलासे हो रहे हैं. ये खुद को ब्रह्मांड का मालिक और विष्णु का अवतार बताता है. व्हाइट सूट और ब्लू टाई के साथ रंगनी चश्मे में अपनी प्राइवेट फोर्स के साथ रहता है. खैर, बाबा को लेकर अब नई बात सामने आई है कि वह उल्लू की आंख का काजल लगाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- उसके पुराने भक्तों ने ये दावा किया है कि वह तंत्र साधना करता था ताकि जो भी सत्संग में आए वह सम्मोहित हो जाए. कई भक्तों ने दावा किया है कि उसकी आंखों में कुछ ऐसा है, जिसकी वजह से भक्त उनकी ओर चले आते हैं. ये बाबा लोगों को अपनी भक्ति के जादू में ऐसे जकड़ लेता था कि जो बाबा ने कह दिया वो लोगों के लिए पत्थर की लकीर बन जाता था. लोग बाबा के बारे में कुछ भी गलत सुनने को तैयार नहीं होते थे. आस्था के चक्कर में भक्त भक्ति और अंधविश्वास में फर्क नहीं कर पाते थे.

खुद को बताता है विष्णु का अवतार और सुदर्शन चक्र पास होने का भी दावा

नारायण साकार हरि खुद के पास सुदर्शन चक्र होने का दावा करता है. वह खुद को विष्णु का अवतार बताता है, जो प्रलय भी ला सकता है. यही नहीं सत्संग में बाबा एडिटिंग करके हाथ के पास चक्र भी घुमा कर भी दिखाता था. उसके सेवादार सब जगह प्रचार करते थे कि उसके पास चक्र है और वह उसे घुमा भी सकता है. लोग उसके पास भूत बाधा की समस्याएं लेकर भी पहुंचते थे. भक्त कहते हैं कि बाबा उनकी समस्याओं का समाधान करते थे. दावे तो ये भी हैं कि बाबा भूत को बुलाकर भरी सभा में धूल चटवाते थे. अब भक्त कह रहे हैं कि इतने ही बड़े भगवान हैं तो 121 लोगों को वापस जिंदा करके दिखाओ. अगर वह इतनी बड़ी शक्ति था, हादसा क्यों नहीं रोक लिया. 

हैंडपंप का पानी नहींस अमृत कहिए, अमृत

बाबा ने अपने आश्रमों में कई हैंडपंप लगवा रखे हैं, जिसमें वह दावा करता था कि बड़े से बड़े रोग ठीक हो जाते हैं. लोग सत्संग में यही पानी पीते थे और भरकर भी ले जाते थे. एक बार तो बाबा ने एक मृत लड़की को जिंदा करने के दावे के साथ अपने समर्थकों को लेकर साल 2000 में आगरा के श्मशान घाट पहुंच गया था. उसने मृत लड़की को श्मशान से उठा कर दूसरी जगह रख दिया था, जिसे लेकर लड़की के घरवालों और बाबा के समर्थकों के बीच काफी बहस हुई. पुलिस ने बाबा पर इस मामले में केस भी दर्ज किया था.

सूट, ब्लैक चश्मा और ब्लू टाई का राज, भक्त करते हैं आरती

बाबा के आश्रम में रहने वाले रंजीत सिंह ने बाबा को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे कि बाबा मृत लोगों को भी जिंदा करने का दावा करता था. उसका दावा था कि उसके पास चमत्कारिक शक्तियां हैं, जिसका इस्तेमाल करके वह मृत को जिंदा कर सकता है.  वह महिलाओं को लिए स्पेशल दरबार भी लगाया करता था. इस दरबार में वह खुद को विष्णु का अवतार बताता था. बाबा पर आरोप है कि उनके आश्रम में 16-17 साल की कई लड़कियां हैं, जिन्हें वह अपनी शिष्या बताता है. आरोप है कि वह इन लड़कियों से गलत काम भी करवाता था. इसके साथ ही बाबा सिगरेट और शराब का भी आदी है. भक्तों के लिए बाबा ने आरती भी बना रखी है. सत्संग में यही आरती की जाती है.

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बाबा का भौकाल, फोर्स और गाड़ियों का काफिला चलता था साथ

बता दें कि इस बाबा ने अपनी खुद की फोर्स बनाई हुई है जिसे वो अलग से वर्दी देता है. बाबा सफेद कपड़ा इसलिए पहनता है क्योंकि वह खुद को पाक-साफ बताना चाहता है. वह भौकाल बनाकर रखता है. जब वह चलता है तो गाड़ियों का काफिला उसके साथ चलता है. वह खुद को लोगों के सामने ऐसे पेश करता है जैसे कि वह बहुत बड़ा आदमी है, भगवान है ताकि उसके भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जाए.

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