- ऑपरेशन महादेव में 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के तीन पाकिस्तानी आतंकी ढेर किए गए.
- मास्टरमाइंड हाशिम मूसा रावलकोट का था, अबू हमजा उर्फ हैरिस सियालकोट का था और तीसरा आतंकी भी पाकिस्तान का था.
- आतंकवादी समूह की गतिविधि चार दिनों तक निगरानी में रखी गई और T82 अल्ट्रासेट कम्युनिकेशन डिवाइस सक्रिय हुआ.
सोमवार को सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव में उन तीन आतंकियों को ढेर कर दिया जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल थे. अब जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उनसे पता लगा है कि मारे गए ये तीनों ही आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे. हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान पाकिस्तान के रावलकोट का रहने वाला था. वहीं अबू हमजा उर्फ हैरिस पाकिस्तान के सियालकोट का और मोहम्मद यासिर भी पाकिस्तान का ही रहने वाला था.
पाक सेना का कमांडो था मूसा
हमले का मास्टरमाइंड सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में पैरा कमांडो के रूप में ट्रेनिंग ले चुका था. उसके बाद उसने लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया. बताया जाता है कि उसने सितंबर 2023 में भारत में प्रवेश किया और फिर से दक्षिण कश्मीर में अपने आतंकवादी अभियान शुरू किए.
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में पैरा कमांडो के रूप में ट्रेनिंग ले चुका था. उसके बाद उसने लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया.
2023 में आया आया भारत
बताया जाता है कि उसने सितंबर 2023 में भारत में प्रवेश किया और फिर से दक्षिण कश्मीर में अपने आतंकवादी अभियान शुरू किए. पहलगामा आतंकी हमले के अलावा मूसा कुछ और आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा. एजेंसियों के मुताबिक, मूसा घाटी में हुई कम से कम छह आतंकी घटनाओं में शामिल रहा था.
मूसा हाईली ट्रेंड आतंकी था, जिसे जंगलों में रहने और मुश्किल हालात सर्वाइव करने में महारत हासिल थी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद हाशिम मूसा की तलाश के लिए दक्षिण कश्मीर के जंगलों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे थे.-जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसके ऊपर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था.
ऑपरेशन महादेव- कब-कब क्या-क्या हुआ
- पिछले 4 दिनों से आतंकवादी समूह पर नजर रखी जा रही थी.
- रात 2 बजे: समूह ने T82 अल्ट्रासेट कम्युनिकेशन डिवाइस को एक्टिव किया.
- इससे आतंकवादी दल की सटीक स्थिति का पता चला, पुष्टि हुई.
- सुबह 8 बजे: आतंकवादियों की पहली तस्वीर लेने के लिए ड्रोन लॉन्च किया गया.
- सुबह 9:30 बजे: राष्ट्रीय राइफल्स ने घेरा बनाया.
- सुबह 10 बजे: पैरा कमांडो दल महादेव पहाड़ी पर चढ़ा.
- सुबह 10:30 बजे: कमांडो द्वारा आतंकवादियों की पहचान की गई.
- सुबह 11 बजे: पहली गोलीबारी में सभी 3 आतंकवादी मारे गए.
- सुबह 11:45 बजे: 1 घायल आतंकवादी भागने की कोशिश में ढेर हो गया.
- दोपहर 12:30 बजे: 2 किलोमीटर के दायरे में क्लींजिंग ऑपरेशन लॉन्च किया गया.
- दोपहर 12:45 बजे: आतंकवादियों के शवों की पहचान की गई और उनकी तस्वीरें ली गईं.